आज ही के दिन 17 सितम्बर सन 1950 में सोहराब मोदी की फिल्म “भिखारियों का सरदार” रिलीज़ हुई थी।
आज इसके कोई प्रिंट्स मौजूद नहीं है, फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही थी।
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फिल्म की कहानी थी के एक भिखारी को सड़क से उठाकर एक व्यापारी एक राज्य का राजा बना देता है,
लेकिन चूंकि भिखारी को राजपाठ का कोई एक्सपीरियंस नहीं होता इसलिए वो पूरे राज्य का बंटाधार कर देता है,
दुश्मन राजा की सेना उसके राज्य की सीमा पर पड़ने वाले गाँव कब्ज़ा लेती है,
और जनता में भुखमरी आ जाती है जिस कारण सैकड़ों लोग खाने में तलाश में अपने घरों से निकल जाते हैं और रास्ते में मारे जाते हैं,
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फिल्म के अंत तक भिखारी एक दम राजसी गेटउप में आ जाता है दाढ़ी बढ़ा के, लेकिन तबतक राज्य की माली हालत इतनी खराब हो जाती है की वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पाता है।
पूरा राज्य भिखारियों का राज्य बन चूका होता है,
बिलकुल उसकी तरह ही।