बिजनौर में किसानों ने पेप्सिको कंपनी के खिलाफ कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने पेप्सी कोल्ड ड्रिंक की भरी बोतलों को ज़मीन पर बहाया। किसान पेप्सिको द्वारा आलू किसानों पर दायर मुकदमे से नाराज़ थे। इस संबंध में राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी बिजनौर को दिया गया। कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स आदि बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको ने कुछ गुजराती किसानों पर मुकदमा ठोक दिया है. पेप्सिको का आरोप है कि ये किसान आलू की उस किस्म का उत्पादन कर रहे थे, जिससे लेज चिप्स बनाए जाते हैं और इस पर कंपनी की कॉपीराइट है। पेप्सिको ने नुकसान के लिए 1.05 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की भी मांग की है. मुकदमा दायर होने के बाद किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह पेप्सिको से यह ‘झूठा केस’ वापस लेने को कहे। जानकारी के अनुसार इन किसानों पर एफसी-5 किस्म के आलू उगाने और बेचने के लिए मुकदमा किया गया है। बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको का दावा है कि साल 2016 में ही उसे ‘भारत में इस आलू के उत्पादन का खास अधिकार’ मिला हुआ है। उधर किसानों का कहना है कि किसानों को किसी भी संरक्ष‍ित किस्म के बीज को बोने, उगाने और बेचने का पूरा अधिकार है. प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेराइटीज ऐंड फार्मर्स राइट्स (PPVFR) में किसानों को यह अधिकार मिला हुआ है. ‘किसानों को संरक्ष‍ित किस्म के बीज के उत्पादन और इसकी बिक्री का पूरा अधिकार है और पेप्सिको इस पर अपने बौद्धिक संपदा का दावा नहीं कर सकती। किसान संगठनों का कहना है कि इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मनोबल बढ़ेगा और वे आगे ऐसे अन्य मामले भी दर्ज कर सकते हैं. जिन किसानों पर मुकदमा किया गया है वे 3-4 एकड़ की खेती वाले छोटे किसान हैं। किसानों का साफ कहना है कि अगर उनकी मांगें नही मानी गई तो वो पेप्सिको कंपनी के खिलाफ आंदोलन चलाएंगे।

*रिपोर्ट:देवेन्द्र प्रताप सिंह*

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