विवेक कुमार सैनी एडवोकेट राष्ट्रीय फुले व्रिगेड प्रदेश प्रभारी उत्तर प्रदेश के पटेलनगर उरई स्थित आवास पर डा0 गोविन्द सुमन की अध्यक्षता में माता सावित्री बाई फुले की 124 वीं पुण्य तिथि पर उन्हे श्रद्धा सुमन अर्पित किये इस अवसर पर डा0 गोविन्द सुमन ने बताया सावित्री बाई फुले ने 1848 में महिलाओं के लिए पहला विधालय खोलकर समस्त महिलाओं के जीवन में एक नई किरण उत्पन्न कर दी जिससे महिलायें शिक्षा पाकर उच्च पदों पर आसीन हो सकी।


विवेक कुमार सैनी एड0 ने बोलते हुए बताया कि सावित्री बाई फुले श्रेष्ठ अध्यापिका, उत्कृष्ट बक्ता, कुशल प्रशासिका, लेखिका, कवियत्री, समाजसेविका और नारी उत्थान की महानायिका थी। उन्होने जीवन पर्यन्त लोगो की सेवा की भारत सरकार से मॉग करता हूँ कि उन्हे मृत्यू उपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया जावे, प्रमोद कुमार कुशवाहा एडवोकेट ने बोलते हुए बताया कि सावित्री बाई फुले के जीवन में उनके पति महात्मा ज्यातिराव फुले का अमूल्य योगदान रहा। उन्होने अपने पति से प्रेरणा लेकर पहले खुद शिक्षित हुए और महिलाओं शिक्षित कर उनको जीवन में मूल्यवान बनाया, सती प्रथा, छुआछूत, शोषण जाति व्यबस्था, अन्धविश्वास को समाप्त करने के लिये पूरा जीवन लगा दिया।


सुनीता सिंह एड0 ने बोलते हुये कहा कि सावित्री बाई फुले महिलाओं के लिए सरस्वती से भी बढ़कर है तथा एक रोल मॉडल है। जिन्होने महिलाओं के मन से डर की भावना को निकालकर पुरूषों के समान जीने का हक व अधिकार दिलाया जिनके उपकार को महिलाओें को नहीं भूलना चाहिए। अन्त में महिलाओं, बच्चे व बीमार लोगों की सेवा करते हुए रोग से पीड़ित होकर अपने प्राण त्याग दिये। उनकी त्याग व बलिदान को हम कभी भी नहीं भुला सकेंगे।

इस कार्यक्रम में श्री अवधकिशोर सैनी, मयंक सैनी, राजेन्द्र पी0 डब्लू0 डी0, श्रीमती नीलम राव व सुरेश माली जिला अध्यक्ष श्रीमती वंदना सैनी विनोद सैनी रामजीवन सैनी अलीपुर, पूजा सैनी, दीपा सैनी, नरेन्द्र सैनी पत्रकार, कैलाशनरायन सैनी, श्री बीरनरायन पाल, अजय सैनी एवं मनोज कुमार राठौर जैतपुरा आदि लोग उपस्थित रहे।