उरई-जिला मुख्यालय में सैकड़ो किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

उरई(जालौन)-भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के कईं सैकड़ों किसानों ने ज़िला मुख्यालय उरई में धरना प्रदर्शन किया। व जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार को ज्ञापन भेजा।व एक ज्ञापन जिलाधिकारी को भी सौंपा।
जिलाधिकारी के नाम दिये ज्ञापन में बताया गया कि- जिले के जर्जर विद्युत तार व खंबे बदलवाए जाएं जैसे कि आटा से पिपराया कुसमरिया से गुढा सिमरिया।असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई के साधन उपलब्ध कराए जाएं। जिले की उबड़ खाबड़ जमीन का समतलीकरण कराया जाए।सभी किसानों को अनुकूल के स्प्रिंकलर सेट दिए जाएं।
जिले में विद्युत विभाग द्वारा अंधाधुंध कनेक्शन काटे जा रहे हैं।किसानों से दुर्व्यवहार व अवैध वसूली की जा रही है इसको तुरंत रोका जाए।
कैथी संपर्क मार्ग PWD द्वारा बनवाया जा रहा है जिसमें बजरा की जगह मिट्टी ली जा रही है जांच कराकर बाजरा दल डलवाया जाए।
किसानों को वनरोजो व जंगली सूअरों से फसल बचाने हेतु निशुल्क तार फेंसिंग कराए जाएं।
वही जो ज्ञापन जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री को भेजा गया है उसमें प्रमुख मांगे हैं- प्रदेश के किसानों का बकाया भुगतान अबिलम्ब कराया जाए पिछली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गलत तरीके से तीन सत्रों का गन्ना भुगतान कर मिलने वाला ब्याज गलत तरीके से समाप्त कर दिया गया था सरकार के आदेश को उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा निस्तारण कर दिया गया किसानों को ब्याज का भुगतान कराया जाए।
किसान आत्महत्या पर किसान किसान के परिवार के एक आदमी को सरकारी नौकरी एवं सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाएं।
प्रदेश में नई नहरों के निर्माण एवं चौगामा नहर परियोजना बा बुंदेलखंड पचनदा बांध परियोजना को अविलंब पूरा किया जाए।
बिजली की दरों में की गई वृद्धि को वापस लिया जाए यू किसानों को सिंचाई हेतु निशुल्क बिजली दी जाए एवं निजी नलकूपों को पूरी छूट पर विद्युत कनेक्शन दिए जाएं।प्रदेश में आवारा पशुओं जंगली जानवरों आदि के द्वारा किसानों की फसलों को नष्ट किया जा रहा है सरकार द्वारा इनकी रोकथाम हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए।अन्ना प्रथा कानूनी प्रतिबंध लगाया जाए।
पिछले 10 वर्षों से बुंदेलखंड के किसान सूखा व असमय बारिश की मार झेल रहे हैं जिससे किसानों पर कर्ज का बड़ा भार हो गया है आये दिन किसानों द्वारा आत्महत्या की जा रही है बुंदेलखंड के किसानों का पलायन रोकने एवं आजीविका के संकट के समाधान हेतु एक संयुक्त समिति का गठन किया जाए बुंदेलखंड के किसानों के सभी कर्ज माफ किए जाए।नहरों का पानी टेल तक पहुंचाने वाले क्षेत्र के किसानों के संपर्क नंबर रखने व उस पर संपर्क कर किसानों से यह सुनिश्चित करें कि टेल तक पानी पहुंच रहा है कारगर व्यवस्था की जाए।
सभी फसलो की शत प्रतिशत खरीद सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाए।
लागत में 50% कर दिया जाए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक दर्जा देते हुए समर्थन मूल्य के नीचे की खरीद को अपराध माना जाए सभी फसलों सहित फल सब्जी दूध को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधीन पर लाया जाए।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 वर्षों से आधे पुराने डीजल वाहनों के संचालन पर लगाई गई रोक से किसानों के ट्रैक्टर पंपिंग सेट कृषि कार्य में प्रयोग होने वाली डीजल इंजनों को एंटीक कारों के आधार पर मुक्त किया जाए एवं प्रदेश में कहीं भी लागू न किया जाए।

धरने में शामिल-डॉ0 गजेंद्र सिंह,रामकुमार नेता,भगवानदास, चतुर सिंह,सुरेश चौहान,राजू, देवचरण,देव सिंह(गायर),श्रीकांत मुखिया,कृष्ण गोपाल,श्यामसुंदर पुजारी,केदारनाथ,रामप्रताप पटेल,पी0डी0 निरंजन,चंदपाल गुर्जर,देवेन्द्र विदुआ,राजू,माया सदारा,बालेन्द्र,रामपाल,भानसिंह, रामजी प्रधान,गजेंद्र सिंह, भगवानदास,राजवीर सिंह जादौन,बृजेश कुमार राजपूत(जिलाध्यक्ष) आदि कईं सैकड़ों किसान शामिल रहे।

soni news के लिए जनपद जालौन से अमित कुमार क्राइम रिपोर्टर के साथ रंजीत सिंह

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