कालपी(जालौन)। नगर मे अधिकारियों की नाक के नीचे खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि इस काले कारोबार के विषय में अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है। जानकारी होने के बाद भी वह इस ओर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं करना चाहते है कि उसके लाभ का हिस्सा उन तक भी पहुंच रहा है। कुछ रुपये के लालच के कारण अधिकारी भांग के ठेकेदार को मादक पदार्थो के बिक्री की खुली छूट दे रखी है।एक भांग के ठेके की आड़ में प्रतिबंधित गांजा शहर के विभिन्न स्थानों सहित जोल्हूपुर मोड़ पर भी बेंचा जा रहा है।


आबकारी विभाग की मानें तो नगर व जोल्हूपुर मोड़ पर एक-एक भांग का ठेका है, वही नगर में टरननगंज में नुमाइश मैदान के समीप भांग का ठेका संचालित है। भांग के ठेके में गांजा के अलावा अन्य प्रतिबंधित मादक पदार्थो की बिक्री खुलेआम की जा रही है। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब नगर के नुमाइश मैद के समीप बस स्टैंड के पास संचालित भांग के ठेका में कागज की पुड़िया में खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। पचास ग्राम गांजा की कीमत 500 रुपये है। सबसे छोटी पुड़िया की कीमत बीस रुपये है। वही भांग के ठेके मे कही पर भी भांग की दुकान का भी कोई बोर्ड नही लगा है। इसके अलावा नगर के आशीष चतुर्वेदी, पुष्पेन्द्र सिंह, हिमांशू राजावत, रामलखन, हरिओम आदि ने बताया कि नगर मे भांग की केवल एक दुकान है, लेकिन बाईपास पर अंग्रेजी शराब ठेके समीप कांशीराम कालौनी व राजघाट मे सुबह से लेकर देर रात तक किसी भी समय गांजा व अन्य मादक पदार्थ मिल जाते है। इनकी बिक्री से यहा निवास करने वाले लोग परेशान है। वही आबकारी विभाग सब कुछ जामते हुए अंजान बना हुआ है। लोगों ने बताया कि कई बार प्रतिबंधित गांजा व अन्य मादक पदार्थों के बिकने की सूचना व शिकायत की गई लेकिन कार्यवाही तो दूर कोई देखने तक नही आया।


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जोल्हूपुर मोड़ चैराहे व गांव मे प्रतिबंधित गांजा के साथ हो रही चरस की बिक्री
जोल्हूपुर मोड़ पर भी एक भांग की दुकान है। यहां पर प्रदेश के कई जनपदो से ट्रक चालक मौरंग भरने के लिये आते जाते है और यहां ढाबों पर रूक कर खाना भी खाते है। चैराहे पर एक ढ़ाबे के समीप गांजा व चरस की पुड़िया बनाकर ट्रक चालकों व अन्य लोगों को खुलेआम बेंची जाती है। वही कदौरा रोड पर स्थित पान की दुकानों पर भी प्रतिबंधित गांजा माल के नाम से मांगने पर आसानी से मिल जाता है। हाला्कि पुलिस समय-समय पर गांजां बेचने वालों पर कार्यवाही करती रहती है। लेकिन आबकारी विभाग की मिली भगत के चलते भांग की दुकान की आड़ मे गांजां व चरस की बिक्री नही रूक रही है। वही जोल्हूपुर गांव में भी गांजा व चरस खुलेआम बेची जा रही है।


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सेटिंग के चलते पहले पता चल जाता कि छापा पड़ने वाला है
भांग की दुकान की आड़ मे गांजा व चरस की बिक्री सर्वाधिक जोल्हूपुर मोड़ पर होती है। यहा लोगों की माने तो गांजा व चरस की पुड़िया बेचने वालो ने आबकारी विभाग मे सेंटिंग बना रखी है, जब भी छापा पड़ता है तो भाग की दुकान चलाने वालों व प्रतिबंधित मादक पदार्थों की बिक्री करने वालों को पहले से पता चल जाता है जिससे कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है। आबकारी निरीक्षक एमपी सिंह ने बताया कि भांग की दुकान पर केवल भांग बिकेगी गांजा व चरस बिकने की बात संज्ञान मे आयी है जल्द ही इनको पकड़ा जायेगा।