उरई(जालौन)। उरई शहर के मुहल्ला लहरियापुरा में संचालित आश्रय गृह (शेल्टर होम) में व्याप्त अव्यवस्थायें देखकर न्यायिक अधिकारी नाराज हो गये। आश्रय गृह में अनाधिकृत रूप से परिजनों सहित रह रहे कर्मचारियों से यहां रहने की अनुमति एवं उनकी नियुक्ति सम्बन्धी दस्तावेज मांगे पर कोई भी कर्मचारी एक भी प्रपत्र निरीक्षण कर रहे न्यायिक अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पर उन्होंने कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगायी। निरीक्षण के समय मौके पर यहां की आश्रित पंजिका में निरीक्षण तिथि में एक भी आश्रित पंजीकृत नहीं मिला।


ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विगत दिवस न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो शैल्टर होम मु. लहरियापुरवा स्थित ‘‘आश्रय-गृह‘‘ एवं राठ रोड में संचालित ‘‘वृद्धाश्रम‘ का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण टीम को आश्रय गृह के बाथरूम अत्यन्त गन्दे मिले तथा अन्दर एवं बाहर यत्र-तत्र गन्दगी पायी गयी। संवासियों को देने वाले चादर भी गन्दे मिले। इस सम्बन्ध में विनय गौतम द्वारा बताया गया कि यहां आने वाले संवासियों से ही चादर व अन्य कपड़े धुलवाये जाते है।

उक्त निरीक्षण में पायी गयी कमियों के सम्बन्ध में तीन दिवस के अन्दर आवश्यक कार्यवाही हेतु अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका उरई को पत्राचार करने हेतु अधीनस्थ को निर्देशित किया गया। वृद्धाश्रम में निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारीगण अनुपस्थित मिले। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राजीव सरन द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर प्रबन्धक ने कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया। वृद्धाश्रम के कक्षों में पर्याप्त रूम हीटर व ब्लोवर न होने एवं संवासियों को फल, दूध व ड्राई फ्रूट्स निर्धारित मानक के अनुरूप न दिये जाने पर प्रबन्धक रमेश सिंह भदौरिया को न्यायिक अधिकारियों ने कड़ी फटकार लगाते हुये कमियों को तत्काल दूर करने और भविष्य में लापरवाही न बरतने की हिदायत दी। निरीक्षण करने वाली इस अनुश्रवण समिति में अपर जिला जज प्रथम अरूण कुमार मल्ल एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अन्जू राजपूत शामिल रहे।