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स्वयं को जानने के लिए सर्वप्रथम संस्कृत भाषा को जानना होगा-अमित सामवेदी

उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संचालित प्रथम स्तरीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा का समापन हुआ।
जिसमें मुख्यातिथि के रूप में डॉ० शालिग्राम त्रिपाठी(सदस्य-उत्तर प्रदेश संस्कृत माध्यमिक परिषद, लखनऊ,मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित रहे श्री प्रकाश झा (प्रान्त संगठन मन्त्री,कानपुर-प्रान्त व कार्यक्रम के अध्यक्ष रूप में डॉ० भास्कर अवस्थी जी (चेयरमैन- अवस्थी ग्रुप ऑफ कॉलेज व कानपुर-बुन्देलखण्ड क्षेत्र प्रान्तीय संयोजक प्रकाशन विभाग- बीजेपी एवं अभ्यागत अतिथि के रूप में श्री सीताराम केशरी विभाग संघचालक,प्रतापगढ़ आरएसएस काशी प्रान्त व श्री नरेन्द्र शास्त्री जी (कानपुर महानगरमन्त्री,संस्कृत-भारती* की उपस्थिति रही सभी अतिथियों के द्वारा संस्कृत को बढ़ावा देते हुए सभी प्रशिक्षु छात्रों का मार्गदर्शन किया।
मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित श्री प्रकाश जी ने संस्कृत संस्थान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के कारण ही आज जो इस भाषा का एक अक्षर भी नही जानते थे आज वो संस्कृत भाषा सीख कर बोल रहें हैं।


संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पतिमिश्र कहा कि हमें स्वयं को जानने के लिए सर्वप्रथम संस्कृत को जानना होगा तभी हम अपनी संतति को संस्कारवान् बना सकते हैं।
संस्थान के निदेशक पवन कुमार ने बताया कि संस्कृत स्वयं को जानने के लिए सर्वप्रथम संस्कृत भाषा को जानना होगा भाषा के उत्थान के लिए चलायी जा रही कार्यशालाएं तभी सार्थक होंगी जब इसमें पढ़ने वाले समस्त जन पूर्ण मनोयोग से संस्कृत भाषा को आत्मसात करेंगें।
एवं प्रशासनिक अधिकारी दिनेश मिश्र ने अपने विचार प्रकट किये। प्रशिक्षक अमित तिवारी ( सामवेदी ) ने 20 जुलाई से 10 अगस्त तक प्रतिदिन 2 दो कक्षाओं का ऑनलाइन संचालन किया।


इन कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कुल 100 थी।
जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर,अधिवक्ता आदि जनमानस सम्मिलित थे।
अमित सामवेदी ने ऑनलाइन कक्षा संचालित कर संस्कृत भाषा के प्राथमिक अंशों का भी अध्यापन करवाया गया।
सत्र का समापन 11 अगस्त को किया गया।
कार्यक्रम में कक्षा के सभी प्रतिभागियों ने संस्कृत में अनुभव-कथन,गीत,कथा, दिनचर्या,संख्या,समय इत्यादि के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया।
जुलाई एवं अगस्त मास की इन कक्षाओं में उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी राज्यों के आठ हजार प्रतिभागियों ने मिसकॉल के माध्यम से पंजीकृत किया।
47 कक्षाओं के द्वारा सभी ने भाषा शिक्षण में प्रतिभाग किया । प्रायः सभी प्रतिदिन कक्षाओं में उपस्थित प्रतिभागी संस्कृत बोलना सीख चुके हैं।
इस अवसर समस्त प्रतिभागियों सहित संस्थान के पदाधिकारि गण अन्य संस्कृतानुरागी सामाजिक समुपस्थित रहें।

समापन कार्यक्रम का संचालन अमित सामवेदी ने किया एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन शालिनी दीक्षित ने किया।
साथ ही योजना के क्रियान्वयन गण में प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र, सहायक प्रशिक्षण प्रमुख सुशील कुमार,कार्यालय समन्वयक डा. रत्नेश्वर मणि त्रिपाठी , प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी एवं विजयलक्ष्मी राव, लक्ष्मी,सुदर्शन तिवारी,मधुकिरण,भाविनी,नम्रता सिद्धार्थ,आशा,नूपुर आदि सम्मिलित रहीं।

रिपोर्ट -अमित कुमार

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