Patana-डीजीपी ठाकुर को सेवाविस्तार नहीं, 28 को ही रिटायर होंगे, सीएम ने दिए संकेत

 पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि डीजीपी पीके ठाकुर 28 फरवरी को रिटायर हो जाएंगे। उन्हें सेवा अवधि विस्तार नहीं दिया जा रहा है। सीएम ने यह भी कहा कि नए डीजीपी को लेकर मीडिया के सारे कयास फेल होंगे। मुख्यमंत्री ने शनिवार को वार्षिक पुलिस पारितोषिक वितरण समारोह में ये बातें कहीं। इस मौके पर तीन आईपीएस समेत 13 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया।
सीएम बोले : कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, अपराध कर बच नहीं सकता
पुलिसकर्मियों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार की शाम पहले पीठ थपथपाई, फिर उनकी अहमियत बताते हुए चुनौतियों को गिनाया। मौका था पुलिस सप्ताह के अवसर पर बीएमपी-5 के परेड ग्राउंड में आयोजित बिहार पुलिस के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का। परेड की सलामी लेने के बाद पुलिसकर्मियों के मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून का राज है आैर रहेगा। इसके बिना कुछ नहीं हो सकता। कोई कितना भी बड़ा हो, कानून का उल्लंघन कर बच नहीं सकता। सबके लिए कानून बराबर है। कानून को लागू करने की जिम्मेदारी पुलिस पर है।
उन्होंने कहा कि अपराध में काफी कमी आई है। अपराध का राष्ट्रीय आैसत 1 लाख की आबादी पर 233.6 है, पर बिहार में यह आैसत 157.4 ही है। वर्ष 2016 के आकंड़ों के मुताबिक अपराध दर में बिहार का 22वां स्थान है आैर महिला अपराध के मामले में देश में 29वें नंबर पर है। पुलिस-पब्लिक अनुपात के राष्ट्रीय मापदंड को ध्यान में रखते हुए नियमित बहाली हो रही है। हालिया जापान यात्रा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि वहां के समाज की तरह यहां भी सामाजिक स्तर पर आत्म अनुशासन जरूरी है।
नए डीजीपी पर मीडिया की अटकलें होंगी फेल
28 फरवरी को रिटायर हो रहे डीजीपी पीके ठाकुर की सेवा अवधि में विस्तार से जुड़ी अटकलों पर विराम लगाते हुए सीएम ने स्पष्ट कर दिया कि नए डीजीपी को लेकर मीडिया के सारे कयास फेल होंगे। लंबे समय तक डीजीपी रहे पीके ठाकुर के काम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वे सेवानिवृत्त होने वाले हैं। साथ ही चुटकी लेते हुए कहा कि हर किसी को एक समय सीमा तक काम करना पड़ता है, पर उनके मामले में यह बात लागू नहीं होता। वैसे देश के संविधान में ऐसा परिवर्तन होना चाहिए कि लोग एक निश्चित अवधि तक ही काम करें। कहा- हर हाल में थाने में विधि व्यवस्था व अनुसंधान के लिए दो अलग-अलग टीमें रहनी चाहिए।
3 आईपीएस समेत 13 कर्मियों को गैलेंट्री मेडल
समारोह में मुख्यमंत्री ने तीन आईपीएस अफसर समेत 13 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया। साथ ही तीन आला अफसरों को राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। इनमें एडीजी (विधि व्यवस्था) आलोक राज, आईजी (बीएमपी) गोपाल प्रसाद व गृह विभाग (आरक्षी शाखा) के विशेष सचिव जितेंद्र कुमार शामिल हैं। इसके अलावा सराहनीय काम के लिए 765 पुलिसकर्मियों (सीआरपीएफ के 15 कर्मी सहित) को प्रक्षेत्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। आपराधिक या गंभीर मामलों में पुलिस प्रशासन को सहयोग करने के लिए पटना की चार छात्राओं समेत राज्य के सात नागरिकों को नकद व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
1717 दारोगा की होगी बहाली
पटना| डीजीपी पीके ठाकुर ने पुलिस सप्ताह की महत्ता आैर बिहार पुलिस की बदलती सूरत व सीरत के साथ उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा- संस्थागत व्यवस्था बन जाने से तेजी से बहाली का काम हो रहा है। 1717 दारोगा की बहाली के लिए 11 मार्च को लिखित परीक्षा होगी। स्पोर्ट्स कोटे से 17 दारोगा आैर 100 सिपाहियों के पद भरे जाएंगे। 9900 सिपाही के साथ ही महिला स्वाभिमान बटालियन में बहाली की प्रक्रिया जारी है। पहली बार महिला चालकों की बहाली की गई है। कहा- अगले वर्ष बिहार पुलिस भवन तैयार हो जाएगा। फिर सीएम ने इसकी खूबियों को गिनाते हुए कहा कि 8 या 9 रिक्टर स्केल का भूकंप आने पर भी इस इमारत को नुकसान नहीं होगा। साथ ही चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि इसका निर्माण पुलिस विभाग पर छोड़ दिया पर अफसरों ने अपने लिए बड़े-बड़े चैंबर बनवा लिए। छोटे ऑफिस में ठीक रहता है। वहीं मुख्यमंत्री ने आला अफसरों से कहा कि साइंटिफिक अनुसंधान के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए संसाधन की कोई कमी नहीं होगी। साथ ही अनुसंधान के पुराने परंपरागत तरीकों में भी कमी नहीं आनी चाहिए। कार्यक्रम में डीजी रवींद्र कुमार, डीजी सुनील कुमार, डीजी गुप्तेश्वर पांडेय, एडीजी (मुख्यालय) संजीव कुमार सिंघल, एडीजी (सीआईडी) विनय कुमार, एडीजी (स्पेशल ब्रांच) जेएस गंगवार आदि मौजूद थे।
इसलिए मिला पुरस्कार
– सुशील मान सिंह खोपड़े (आईजी), अरविंद गुप्ता (एसपी), संजय कुमार सिंह (एएसपी) व मृत्युंजय कुमार सिंह (इंस्पेक्टर) : वर्ष 2010 में बक्सर जिले के राजपुर में हुए मुठभेड़ में मोस्ट वांटेड सरगना सुरेश राजभर समेत 7 अपराधियों को मार गिराया था।
– जयंत कांत (एसपी) व संजय कुमार सिंह (इंस्पेक्टर) : पटना के मनेर में वर्ष 2014 में जान की बाजी लगाते हुए बूथ लुटेरों के गिरोह को पानी में कूद कर एके 47 व अन्य अत्याधुनिक असलहों के साथ गिरफ्तार किया था।
– राजकुमार तिवारी (डीएसपी), सिंधु शेखर सिंह (इंस्पेक्टर), गौतम कुमार (इंस्पेक्टर), विवेक कुमार व अजय कुमार (एएसआई) : वर्ष 2005 में पूर्णिया के केहाट थाना क्षेत्र में हुए मुठभेड़ में दो अपहर्ताओं को मार गिराते हुए 11 वर्षीय बच्चे को सकुशल बरामद किया था।
– जितेंद्र राणा (एसपी) व अंगेश कुमार राय (एसआई) : जमुई के सिकंदरा में वर्ष 2014 में हुए मुठभेड़ में कई नक्सलियों को ढेर कर दिया था।
नागरिक पुरस्कार
– मनोज साव व चंद्रदेव चौधरी (गया) : 25 लाख रुपए लूट की राशि बरामद करवाने व लुटेरों की गिरफ्तारी में अहम योगदान।
– सिल्विया विजय (कुर्जी बालू पर) : लुटेरों की चाकू से लहूलुहान होने के बाद भी बहादुरी दिखाते हुए अपराधी को पकड़ा।
– अलका श्रीवास्तव (बोरिंग रोड), प्रतीक्षा मिश्रा व आकांक्षा मिश्रा (गर्दनीबाग) : पटना यूनिवर्सिटी के काउंटर पर सक्रिय चोर की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाते हुए बहादुरी का परिचय दिया।

कैमरामैन  कैलाश गुप्ता वीरेंद्र कुमार गौतम सोनी न्यूज़

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