योगी राज में सुरक्षित नही है  पत्रकार,अधिकारी हुए है बे-लगाम

कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों को दलाल रूपी पाले हुए गुर्गों से करवाई  धक्का मुक्की

उरई/जालौन-देश का संविधान कहता है कि मीडिया स्वतंत्रत है और स्वतंत्र रूप से काम करने का अधिकार होता।वही देखा जाए कि सरकार और सरकारी नुमाइंदो की कमियों को जनता के बीच लाने का काम मीडिया करती है और जब ये कार्य मीडिया करती है तो उसे सिवाय बेइज्जती के कुछ हासिल नही होता है।

जिसका जीता जागता उदाहरण हम आपको देते है।आप ये जो भीड़ देख रहे है वो आम भीड़ नही बल्कि चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकारों की भीड़ है।जो अधिशासी अभियंता के द्वारा की गई बदसलूकी के विरोध में जिलाधिकारी के कार्यालय में जिला प्रसाशन को कोस रहे है है। दरसल पूरा मामला
विधुत विभाग द्वितीय का है जहाँ तीन चार दिनों से किसान विधुत विभाग की मनमानी के विरोध में धरने पर बैठे थे जब ये जानकारी मीडिया को मिली तो कुछ पत्रकार कवरेज करने पहुँच गये।और वहाँ कवरेज करने के बाद उमाशंकर राजपूत
अधिशासी अभियंता से उनका पक्ष का वर्जन लेने पत्रकार उनके कक्ष में पहुँचे तो पत्रकारों को देख उमाशंकर राजपूत अधिशासी अभियंता भड़क उठे और उनसे बत्तमीजी करते हुए बोले गेट आउट ये सुनकर पत्रकार भड़क उठे और दोनों के बीच बहस होने लगी फिर क्या था उमाशंकर राजपूत अधिशासी अभियंता ने अपने पाले हुए गुर्गों विभागीय दलालों को बुला कर पत्रकारों को धक्के देकर कार्यालय से बाहर निकलवा दिया।इस बात को लेकर पत्रकारों में रोष बढ़ गया और सभी इक्कठे होकर जिलाधिकारी कार्यालय में आकर नारेबाजी कर इस घटना की जानकारी अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह को दी और पत्रकारों के साथ अभद्रता करने वाले विद्युत विभाग के अभियंता के ऊपर विभागीय कार्यवाही करने की जोरदार मांग उठाई।

विशेष रिपोर्ट-soni news के लिए जनपद जालौन से अजय सोनी के साथ अमित कुमार जिला क्राइम रिपोर्टर।