🕺🏼कुख्यात विकास दुबे 96 से अपराध की दुनिया में लगातार सक्रिय 60 मुकदमे थे दर्ज

🕺🏼अपनो की गद्दारी ने 8 पुलिसकर्मियों की ली जान

✍🏻रात के सन्नाटे में एक कुख्यात अपराधी के घर उसको गिरफ्तार करने जाती है तभी सन्नाटे को चीरती गोलियो की आवाजें सुनाई देती है।
जी हां आप सही समझ रहे है हम बात कर रहे है कुख्यात अपराधी विकास दुबे की बीती रात पुलिस टीम ने विकास दुबे के घर पर दबिश देने गयी थी ताकि विकास दुबे को सलाखों के पीछे पहुँचाया जा सके इसी के चलते रात को विकास दुबे के घर पर दबिश दी गयी मगर इस बात की भनक विकास दुबे को पहले ही लग चुकी थी जब पुलिस वहाँ पहुँची तो विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी फिर जवाब में पुलिस टीम ने भी फायरिंग की मगर  दोनों तरफ में पुलिस टीम के 8 पुलिसकर्मी शाहिद और 7 घायल हो गये।और अंधरे का फायदा उठा कर विकास दुबे मौके से फरार हो गया।इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गयी ।

इस घटना पर पूरे यूपी की पुलिस थर्रा उठी और तुरन्त ही पूरे कानपुर क्षेत्र की नाकेबंदी कर 500 एसटीएफ के जवान घटना स्थल पर तैनात कर विकास दुबे की खोजबीन शुरू कर दी गयी।
इस पूरे घटनाक्रम में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय और उसका साथी अतुल दुबे पुलिस से मुठभेड़ में ढेर हो गए ।

आप देख सकते है कि ये उस JCB की तस्वीर है जिसे रास्ते में लगाकर पुलिसकर्मियों की गाड़ी आगे जाने से रोकी गई थी। पुलिस की टीम यहां से पैदल आगे बढ़ रही थी, इसी दौरान घात लगाकर बैठे लोगों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी।

आईजी कानपुर, मोहित अग्रवाल ने मौके पर पहुँच कर घटना का पूरा जायजा लिया फिर मीडिया से वार्ता के दौरान बताया कि कुछ बदमाश जंगल में छुपे हुए थे, सूचना मिलने पर घेराबंदी की एनकाउंटर में दो बदमाश मारे गए पुलिस से लूटा हुआ एक असलहा भी बरामद हो गया है, हमारे  जवान इस एनकाउंटर में घायल हुए हैं

आइये अब आपको बताते है कि ये विकास दुबे कौन है। कुख्यात विकास दुबे सन 96 से अपराध की दुनिया में कदम रखा और तब से  लगातार आपराधिक कार्यो में सक्रिय रहा है विकास कानपुर के  चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का रहने वाला है जहॉ किले की तरह बने घर मे रह कर अपनी हुकूमत चलता था साथ ही सत्ता में रहने वाली हर राजनीतिक पार्टी में अपनी पकड़ बनाये रखता था दबंग तो इतना था कि उसके ऊपर संगीन अपराधों में 60 मुकदमे दर्ज है।विकास दुबे इतना खूंखार अपराधी है कि  जिस पर 2003 में शिवली थाने में घुसकर तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था। बाद में वह इस केस से बरी हो गया था।

सूत्रों कि माने तो जिस तरीके से हमला हुआ,उससे आशंका है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की भनक पहले ही मिल गई थी। जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया था ।500 से अधिक लोगो के मोबाइल सर्विलांस पर लगा दिए गए है।

🙌डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की ने प्रेसवार्ता में कहा कि विकास दुबे बडा हिस्ट्रीशीटर है 60 केस दर्ज है

एक मामले मे एफआईआर हुई थी जिसमे पुलिस इसे गिरफ्तार करने गई थी

इसने जेसीबी लगा कर रास्ता रोक रखा था औऱ जैसे ही फोर्स उतरी इसने फायरिंग शुरु कर दी

घर की छतो पर बदमाश मौजूद थे जिन्होने फायरिंग की है

हमारे आठ जवान शहीद हुये है और सात जवान घायल है

एडीजी ला एंड आर्डर को आपरेशन की कमान संभालने भेजा है

आईजी एसटीएफ को भी मौके पर भेजा है

बहुत बडा आपरेशन चलाने जा रहे है

इसमे हमारी तीन प्राथमिकताए है पहली घायल जवानो को अच्छा इलाज मिले

दूसरी प्राथमिकता इस अपराधी ही नही इसके साथियो के खिलाफ भी कार्रवाई करने है

जो हथियार इन्होने इस्तेमाल किये है वो कहा से आये ये इन्वेस्टीगेशन की तीसरी प्राथिमकता है बहुत बडी घटना है औऱ बहुत बडा चैलेंज है

 

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व्यूरो रिपोर्ट:देवेन्द्र प्रताप सिंह soni news लखनऊ