गाय का गोबर बना महिलाओं के लिए स्वरोजगार का माध्यम
✍🏻जनपद जालौन/उरई:बुंदेलखंड जहाँ रोजगार पाने के लिए एड़ियां रगड़नी पड़ती है तो वही एक समाजसेवी संस्था रोजगार को दिशा देने में जुटी है जिसमे गाय के गोबर से निर्मित चीजो का निर्माण और बिक्री से गाय और रोजगार को सुरक्षा मिलती नजर आ रही है।
आज केंद्र और राज्य सरकार गौ माता को सुरक्षा और लोगो को रोजगार में बढ़ावा देने के लिए नए-नए कदम उठा रहे है और कई योजनाएं भी संचालित कर रही है तो वही दूसरी ओर सामाजिक संगठन भी इस ओर अपने कदम बढ़ा कर समाज और सरकार को सहयोग करने में जुटी है
जनपद जालौन के मुख्यालय उरई की एक सामाजिक संस्था कान्हा गौशाला ने एक ऐसा अनूठा कार्य किया है जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी काम पड जाती है इस संस्था ने गाय के गोबर से कई उत्पात तैयार किये है जिससे भारत की संस्कृति और भारत के पर्यावरण को सीधा सीधा लाभ पहुच रहा है इस संस्था ने गाय के गोबर से मूर्तिया,प्रतीक चिन्ह,पूजा की धूप जैसे दर्जनों चीजो का निर्माण कर इस कार्य में दर्जनों महिलाओं को रोजगार दिया है जोकि अपने आप में एक अनूठा कदम जनपद के लिए साबित हो रहा है
नरेन्द्र मिश्रा(उपाध्यक्ष)कान्हा गौशाला- ने बताया कि हमारी संस्था गाय का गोबर और गौमूत्र से हर चीज बनाने में प्रयासरत है ताकि आम जनता को प्रकृतिक और शुद्ध वस्तुओं के लाभ मिल सके
विनीता पाण्डेय (अध्यक्ष)कान्हा गौशाला- ने बताया कि हमारी संस्था का उद्देश्य गौमाता को संरक्षित कर महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करना है उन्होंने बताया कि आज लोगो को ये जानना जरूरी है कि गाय हमारे लिए कितनी उपयोगी है हम गाय से अपनी संस्कृति और आर्थिक स्थिति दोनों में सुधार ला सकते है आज हमारी संस्था ने दर्जनों महिलाओं को रोजगार भी दिया है ओर गोबर की मूर्ति के निर्माण से संस्कृति को भी बचाने में एक प्रयास किया है
रिपोर्ट:soni news के लिए जनपद जालौन से सुनीता सिंह जालौन
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