जालौन-दलितों के अधिकार बुंदेलखंड में कोई नही ढो रहा मैला इस झूठे बयान पर भग्गूलाल वाल्मीकि ने सरकार से की जाँच की मांग

उरई(जालौन)।)बुन्देलखण्ड में कोई नहीं ढो रहा है मैला,इस मुद्दे पर लाखों का फण्ड लेकर प्रोजेक्ट पर झूठी रिपोर्ट एवं झूठे आंकडे़ देने मे बदनाम,दलितों के अधिकार के नाम पर संगठन चला कर सिर्फ अपने नाम को हाईलाईट करने वाला। अपने साथियों को दरकिनार कर वाल्मीकि समाज के साथ-साथ सरकार को भी गुमराह कर रहा है। जिसका कोई भी धरातलीय कार्य नहीं है, ना ही इनका जिला जालौन के 649 स्वच्छकार महिलाओं को 40 हजार रुपये दिलाने में कोई रोल है,जबकि ‘सफाई कर्मचारी आन्दोलन’ और ‘गरिमा अभियान ‘ जो विगत कई वर्षों से इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं,एवं डा० लालजी निर्मल (वर्तमान राज्यमंत्री)चैयरमैन ,अनु.जाति वित्त एवं विकास निगम की 2-3 नवम्बर 2017 की रिपोर्ट एवं अधोहस्ताक्षर कर्ता एवं उसके समस्त साथियों की मेहनत का नतीजा है

जिला जालौन की स्वच्छकार महिलाओं का पुनर्वासन,जिसको सिर्फ दो ब्लॉकों के चन्द गांवों में फण्ड पर काम करने वाला पूरे बुन्देलखण्ड की बात कर रहा है,यह ना सिर्फ हास्यास्पद ही नहीं बल्कि इनकी फर्जी एवं झूठी रिपोर्ट का साक्षात् प्रमाण भी है।यदि यह वास्तव में धरातलीय काम कर रहे हैं तो यह भी बतायें कि कौन से गांव में किसके यहाँ ‘शुष्क शौचालय है ? बैसे सामाजिक संस्था संगठनों का नैतिक दायित्व बनता है कि सामाजिक कुरीतियों एवं कुप्रथाओं को समाप्त करना, अपने निज स्वार्थ एवं कमाई का जरिया बनाकर ,उन्हें बरकरार रखना नहीं। अब वाल्मीकि समाज को गुमराह करने वाले ऐसे फर्जी संस्थाओं को मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा। दिनांक 17/12/2018 को हजारों महिलाओं ने जो हुंकार लगाई है कि ” भूखे पेट सो जायेंगे पर मैला नहीं उठायेंगे, दो रोटी कम खायेंगे पर बच्चों को पढ़ायेंगे ” उससे इस फरेवी संगठन को अपना जन आधार खिसकता नजर आ रहा। क्योंकि इनके पास इस समुदाय का कोई समाज में अच्छी पकड़ अगुआकार नहीं है चन्द एक-दो अशिक्षित अज्ञान नासमझ और बेवकूफ टाईप के आसामाजिक तत्वों के अलावा जिनका समाज में कोई अस्तित्व नहीं हैं।हम जिला प्रशासन सहित मा० मुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध करते हैं कि इस संगठन द्वारा अपने प्रोजेक्ट को जिंदा रखने हेतु समाज को गुमराह करके जो आवेदन-पत्र भेजे गये हैं उनकी सूक्ष्म जांच करवायें अपने आप दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा यदि इनकी रिपोर्ट झूठ साबित हो तो इनपर समाज को गुमराह करने ,झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु सख्त अनुशासनात्मक कानूनी कार्यवाही की जाये। भग्गूलाल वाल्मीकि, सदस्य, एमएस एक्ट के तहत गठित, राज्यस्तरीय निगरानी कमेटी उ०प्र० शासन लखनऊ।

फ़ोटो परिचय-भग्गूलाल वाल्मीकि

रिपोर्ट-अमित कुमार क्राइम रिपोर्टर उरई

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