
उरई(जालौन)- अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर बुंदेलखंड विधि महाविद्यालय उरई सभागार में विधि छात्रों व अधिवक्ताओं के साथ मानवाधिकारों के लिये हमारे प्रयास विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी/सेमिनार का आयोजन दलित सम्मान व न्याय केंद्र एवं बुंदेलखंड विधि महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।मानवाधिकारों के मुद्दों पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखें दलित डिग्निटी एंड जस्टिस सेंटर की टीम ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिये।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह, प्रोफेसर – डॉ. लक्ष्मण रोहित दुवे, डॉ. राकेश सक्सेना, डॉ प्रतीक ने बताया कि हम सबको पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
संविधान व मानवाधिकारों के बारे में जानना व समझना होगा तभी आप समुदाय में कोर्ट में अच्छे से कार्य करते हुये लोगों को न्याय दिलवा पाएंगे एवं मानवाधिकारों की रक्षा कर पायेंगे।
दलित सम्मान व न्याय केंद्र से एड. रश्मि वर्मा, एड. निखत परवीन, एड. प्रियंका अहिरवार ने महिला अधिकारों के बारे में जानकारी दी, वहीं उषा देबेन्द्र अनिल, अनिता जी, सचिन, प्रदीप व अनुराधा बौद्ध ने बताया कि गावँ में आज भी बहुत सारी समस्याएं व मुद्दे ऐसे है जिस पर काम करने की जरूरत है जैसे मैला ढोने की कुप्रथा, छुआछूत एवं भेदभाव, गैरबराबरी इसके साथ ही हमें मानवाधिकारों के प्रति गांव गांव में लोगों को जागरूक करना होगा।
बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच व दलित डिग्निटी एंड जस्टिस सेंटर के संयोजक/संस्थापक – एड.कुलदीप बौद्ध ने कहा की मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी हम सभी विधि छात्र व अधिवक्ताओं की है, इसके साथ ही हम सबको मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए आगे आना होगा।
विधि छात्र शिवानी दुवेदी, राखी विश्वकर्मा, दिव्यांश ने कहां की यह बहुत अच्छा सेमिनार हुआ समय समय पर ऐसे सेमिनार अलग अलग कानूनों पर भी हो जो हम सब विधि छात्रों को मार्गदर्शित करेंगे।
रिपोर्ट-अमित कुमार उरई जनपद जालौन।