उरई(जालौन)।लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत 5 नवंबर दिन मंगलवार से होने जा रही है तथा इसका समापन 8 नवंबर शुक्रवार को होगा यह चार दिवसीय महापर्व है इसकी शुरुआत 5 नवंबर दिन मंगलवार””” नहाए खाए”” (Nahay Khay) से होती है दूसरे दिन बुधवार 6 नवंबर को”” खरना पूजा “””पूजा (Jharna Puja) तीसरे दिन गुरुवार 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य (Astachal Surya KoArghya) अर्थात मुख्य पूजा जिसे “डाला छठ”के नाम से भी जाना जाता है और चौथे दिन दिन शुक्रवार 8 नवंबर को सुबह का अर्ध्य (Udaya chal Surya ko Arghya) अर्थात उगते हुए सूर्य की पूजा करके पारण/समापन किया जाता है इन चार दिनों तक कठोर व्रत का पालन किया जाता है।
जिसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत भी महिलाएं रखती हैं इस पूजा में भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा की जाती है इस व्रत में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है यह व्रत परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए तथा भाईचारे का पवित्र त्यौहार है इसमें अमीरी गरीबी जात-पात का भेदभाव नहीं रखा जाता है समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक ही घाट पर मिल जुल कर”” छठ””मनाते हैं यह व्रत प्रकृति को समर्पित है जो प्रकृति हमें जिस रूप में देती है जैसे फल फूल जल उसे हम प्रतीक के तौर पर अर्पण करते हैं यह नदी और तालाबों को संरक्षित रखना और आसपास के वातावरण को स्वच्छ और साफ रखने का संदेश देती है यह पर्व सूर्य भगवान के प्रति कृतज्ञ ता जाहिर करता है जिस तरह सूर्य इस संसार रूपी सागर को अपने प्रकाश से प्रकाशित एवं ऊर्जा वान बनाए रखना है उसे हम दोनों रूपों में पूजते हैं।
फ़ोटो परिचय-संजय साहनी अध्यक्ष।
रिपोर्ट-अमित कुमार पत्रकार उरई जनपद जालौन।