
0-रैला,जमरेही व इकौना,गररेही, सुरौली गोशाला में मवेशियों की दुर्दशा,पराली खा कर बीमार हो रहे है
कदौरा(जालौन)। ब्लॉक क्षेत्र की गोशालाओं की स्थिति ठीक नहीं है। आए दिन किसी न किसी गोशाला में गौवंशो की दुर्दशा की ख़बरें जिम्मेदारों के पास आती रहती है। उसके बावजूद भी जिम्मेदारों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह बस कागजों में गोशालाओं का संचालन दिखा कर वाहवाही लूटने में लगे हुए है। ब्लॉक क्षेत्र में निराश्रित पशुओं को आश्रय देने के लिए 47 स्थाई व अस्थाई गोशालाए संचालित कि है। जिनके 55 सौ से अधिक गोवंश है। जबकि शासन ने अब प्रति मवेशी के खानपान में दुगुनी धनराशि के आदेश दिए है। फिर भी मवेशियों को सूखी पराली खिलाई जा रही है। धूप से बचाने का कोई इंतजाम नहीं है। पराली भी देने में कंजूसी बरती जा रही है। पड़ताल में क्षेत्र की इकौना गोशाला में 160 मवेशी है। पराली खिलाई जाती है। खिलाने का समय निर्धारित नहीं है। कई मवेशी बीमार है। चरवाहे भी मनमर्जी से जाते है। सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति है। जमरेही गांव स्थित गोशाला में 52 गोवंश है। फोटो खींचने या निरीक्षण के नाम पर ही यदाकदा ही भूसा दिया जाता है। जबकि कागजों में 75 कुंतल भूसा स्टॉक में दिखाया जा रहा है और दो बीघा में नेपियर घास बोई दिखाई जा रही है। सफाई के नाम पर दिखावा है। रैला गांव की गोशाला में 82 गोवंश कागजों में दर्ज है जबकि मौके पर लगभग 50 गोवंश ही दिखे। जो भोजन के इंतजार में धूप में बैठे थे। गोशाला में गंदगी फैली थी। चरी में पानी गंदा भरा हुआ है। चरवाहे नदारत थे। कई मवेशी गोशाला में लगे तारों के बीच से बाहर निकल रहे थे। पानी के लिए ट्यूबवेल है। यहां पर कागजों में 75 कुंतल भूसा और दो बीघा में घास दिखाई गई। कई बीमार पड़े थे। गररेही गोशाला में 155 गौवंश कागजों में है। लेकिन यहां भी अव्यवसथा है। भूसे की जगह पराली खिलाई जा रही है। गंदा पानी पीने के लिए गोवंश मजबूर है। वहीं सबसे चर्चित गोशाला सुरौला जो की 46 लाख रूपये से बनी है। यहां पर कागजों में मात्र 72 गोवंश दिखाए जा रहे है। जमीनी हकीकत कुछ और है। गोशाला में मवेशी जब दिखते है। जब किसी अधिकारी का निरीक्षण होता है। भूसे चारे के लिए आने वाली धनराशि का जिम्मेदार बंदरबांट करने में लगे हुए है। प्रभारी बीडीओ अजय कुमार का कहना है कि निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएगी। लापरवाही बरतने वालो पर कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
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गौवंशो की मौत,जांच के नाम पर खानापूर्ति
गोशालाओं में बदइंतजामी और गौवंश के मरने की खबरें अधिकारियों तक भी पहुंची। लेकिन अधिकारियों ने मामले को दबा दिया। कई गोशालाओं में कुत्तों द्वारा मवेशियों के शव नोचने का वीडियो भी वायरल हुए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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बजरंग दल कार्यकर्ताओं में व्याप्त है रोष
कदौरा। ब्लॉक क्षेत्र की गोशालाओं के आए दिन वीडियो वायरल होने एवं गौवंशो की हालत देख कर बजरंग दल के प्रखंड व नगर संयोजक भानुप्रताप सिंह व मोहन सिंह ने आरोप लगाया कि ब्लॉक के अधिकारियों की लापरवाही के कारण क्षेत्र की गोशाला की स्थिति बदहाल है। आए दिन मवेशियों की मौत हो रही है। भूसे के नाम पर सिर्फ सूखी पराली खिलाई जा रही है। मवेशी बीमार है। उन्होंने कार्यवाही की मांग की है।
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दो माह में कम हुए एक हजार गोवंश।
ब्लॉक अधिकारियों ने कागजों पर आंकड़ों को दुरूस्त करने में भी जमकर लापरवाही बरती।जिले के अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट में दो माह पहले 6300 सौ से अधिक गोवंश दिखाए,जबकि अब 5500 सौ गोवंश दिखाए जा रहे है। इससे तो साफ है कि मवेशी ठंड और पराली खाकर मौत के मुंह में चले गए है।
फोटो परिचय-गर्रेही गौशाला में सूखी पराली खाते गौवंश,घायल गौवंश,जमरेही गौशाला के बाहर लगा पराली का ढेर