उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बुरी हालत

 

◆ *भाजपा सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की चिन्ता न कर प्रदेश के लोगों की जान खतरे में डाल रही है-अजय कुमार लल्लू*

◆ *कोरोना की तीसरी लहर पर सरकार सिर्फ हवाबाजी कर रही है-अजय कुमार लल्लू*

◆ *कोरोना वारियर्स स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा के बाद भी सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है- अजय कुमार लल्लू*

लखनऊ

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश की भाजपा सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत पर आड़े हाथों लेते हुए सवाल खड़ा किया है।
अजय कुमार लल्लू ने बयान जारी कर कहा कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब हालत से गुजर रही है, सरकार की लापरवाही से लोगों को आक्सीजन, बेड और समुचित इलाज न मिलने के कारण हाल ही में आई कोरोना की लहर ने लाखों लोगों को असमय मौत के मुंह में ढकेल दिया।
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स व अन्य विशेषज्ञों ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस बार सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर होगा, जिसको लेकर यूपी की सरकार की कोई तैयारी नही है सिर्फ हवाई दावे किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 0-18 साल के बच्चे करीब साढ़े आठ करोड़ हैं, जिसमें 70 प्रतिशत बच्चों की आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बाल चिकित्सक न के बराबर हैं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार प्रति एक हजार बच्चों पर एक बाल रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इतनी दयनीय स्थिति है कि लगभग 13 हजार बच्चों पर एक बाल रोग चिकित्सक है। ऐसे में यदि ग्रामीण क्षेत्र में दुर्भाग्यवश कोरोना संकट फैला तो वहां बच्चों को कैसे बचाया जायेगा, प्रदेश सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दावा करते झूठा प्रचार कर रहे हैं, लेकिन उनके ही जनपद गोरखपुर जनपद में 12 हजार बच्चों पर एक बाल रोग चिकित्सक है। पूरे गोरखपुर में 0 से 18 साल के करीब 18 लाख बच्चे हैं, जबकि सरकारी और निजी कुल बाल चिकित्सक पूरे जनपद में मात्र 140 हैं। यही हालत प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों चाहे वह बुन्देलखण्ड के हमीरपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट हों या लखीमपुर, पीलीभीत, सहरनपुर, बागपत, अलीगढ़, एटा हों या पूर्वांचल के कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, बलिया, गाजीपुर हों या मिर्जापुर, सोनभद्र हों। पूरे प्रदेश में यही दयनीय स्थिति है।


प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हाल में आई कोरोना बेव के समय ऑक्सीजन की भारी कमी हुई, जिसकी वजह से लाखों लोग बिना ऑक्सीजन के मौत के मुंह में समा गये। सरकार ने ऑक्सीजन प्लान्ट लगाने का वादा किया था लेकिन सरकार की शिथिलता के चलते अभी तक एक भी ऑक्सीजन प्लाण्ट शुरू नहीं हो पाया है। कोरोना की अगली बेव सर पर खड़ी है, लेकिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सहित पूरी सरकार प्रदेश के होनहार नौजवानों और जनता की चिन्ता और ध्यान छोड़कर सिर्फ और सिर्फ भाजपा की चुनाव तैयारी में लगी है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा भाजपा सरकार हवा-हवाई तैयारियों की झूठी आंकड़ेबाजी बन्द करे। उत्तर प्रदेश के लोगों ने बड़े भरोसे और विश्वास के साथ भाजपा की सरकार चुनी थी, लेकिन सरकार शुरू से अब तक प्रदेश के लोगों की फिक्र और मदद करने के बजाय सिर्फ बीजेपी की सेवा में लगी रही है। अभी भी समय है कोरोना की अगली बेव से प्रदेश की जनता और देश के होनहार भविष्य नौनिहालों को बचाने के लिए बाल रोग चिकित्सकों की फौरी तौर पर भर्ती करे और शीघ्र ऑक्सीजन उत्पादन शुरू कराये, जिससे कोरोना से लड़ा जा सके

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