नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 11 फरवरी होने वाली है। ऐसे में सभी सियासी पार्टियां पहले चरण के चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंक रखी है। हर दिन प्रमुख विपक्षी दलों के बीच चुनावी मैदान में कानून-व्यवस्था, अपराध, जंगलराज और गुंडाराज को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। लेकिन यूपी चुनाव में अपनी भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों का रिकॉर्ड देखें तो आपको जोर का झटका लगेगा। बता दें कि चुनाव में किसी एक या दो नहीं, बल्कि सभी पार्टियों ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार उतारे हैं। मकसद है तो बस चुनाव जीतना।
जहां तक आंकड़ों की बात है तो प्रदेश में पहले चरण में आपराधिक रिकॉर्ड वाले कुल 168 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसके बाद 15 फरवरी को दूसरे चरण के तहत 67 सीटों पर मतदान होना है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने इस चरण के तहत चुनावी मैदान में उतरे 721 में से 719 उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथपत्र के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक इन उम्मीदवारों में कुल 107 यानी 15 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 12 फीसदी यानी 84 उम्मीदवार तो ऐसे हैं जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश या अपहरण जैसे गंभीर आरोप हैं।

सपा में सबसे ज्यादा दागी
अलग-अलग पार्टियों के हिसाब से देखें तो दूसरे चरण में उतरे उम्मीदवारों में से सबसे ज्यादा दागी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पाले में हैं। कुल 67 में से 25 यानी 37 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। औसत के हिसाब से समाजवादी पार्टी उससे आगे है। सपा के 51 में से 21 (41 फीसदी) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 67 में से 16 (24 फीसदी), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के 52 में से छह (12 फीसदी) और कांग्रेस के 18 में से छह (33 फीसदी) उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं। इस तरह, आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या के लिहाज से देखें तो बसपा अन्य पार्टियों की तुलना में आगे है जबकि कुल उम्मीदवारों में दागी उम्मीदवारों की हिस्सेदारी के मामले में सपा सबसे अव्वल है।

सपा में गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार सबसे ज्यादा*

सपा गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों का सामना कर उम्मीदवारों के मामले में भी दूसरी पार्टियों से कहीं आगे है। उसके 51 में से 17 (33 फीसदी) प्रत्याशियों पर इस तरह के मामले दर्ज हैं। इसके बाद बसपा का नंबर आता है जिसके 17 (25 फीसदी) उम्मीदवारों पर ऐसे मामले हैं। भाजपा के 10 (15 फीसदी), कांग्रेस के चार (22 फीसदी) और रालोद के छह उम्मीदवार गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। दूसरे चरण के तहत कुल 67 में से 15 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें, संवेदनशील घोषित किया गया है।

दूसरे चरण में कुल 65 उम्मीदवार करोड़पति हैं

दूसरे चरण के चुनाव में कुल 719 उम्मीदवारों में से 65 यानी नौ फीसदी के पास पांच करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। दूसरी ओर, 186 (26 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 10 लाख रुपये से कम बताई है। रामपुर जिले की सौर सीट से बसपा उम्मीदवार नवाब काजिम अली खान सबसे धनी उम्मीदवार हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति 97 करोड़ रुपये से अधिक बताई है। सपा में सबसे अधिक 58 (88 फीसदी) उम्मीदवार करोड़पति हैं। इसके बाद बसपा में 58 (87) फीसदी, भाजपा में 50 (75 फीसदी) और कांग्रेस में 13 (72 फीसदी) उम्मीदवारों के पास एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 719 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब दो करोड़ रुपये है। दलवार देखें तो बसपा के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति का आंकड़ा 7.20 करोड़ रुपये है।
277 उम्मीदवार पांचवीं पास

दूसरे चरण में चुनावी दंगल में उतरे 277 यानी 39 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पांचवीं से 12वीं पास है। 310 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा होने की बात कही है। दूसरी ओर, 11 उम्मीदवारों ने खुद को निरक्षर बताया है।

महिलाओं की भागीदारी

पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी बरती है। सिर्फ 69 महिलाएं (10 फीसदी) चुनावी मैदान में हैं जो 67 सीटों पर लड़ रही हैं। यानी औसतन एक सीट पर केवल एक महिला ही चुनाव लड़ रही है।