उरई(जालौन)-। नगरीय क्षेत्र के गरीबों को आवास, रोजगार, ढांचागत सुविधाएं आदि व्यवस्थाओं के लिए संचालित हो रहा डूडा विभाग जिले में वर्षों से जमे बाबू अरुण कुमार श्रीवास्तव की कारस्तानी से बेपटरी चल रहा है। अरूण बाबू के विरुद्ध शिकायतों का अंबार हैं। जिले के अधिकारी भी इससे बखूबी परिचित हैं। लेकिन फिर भी बाबू को उनका संरक्षण प्राप्त है। जिससे विभाग की योजनाएं बेपटरी हो चुकी हैं। इस बीच बाबू के भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्ट्रेट में चल रहे आंदोलन ने आज से एक नया मोड़ जब आया तब राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवान दास अहिरवार भेड़ ने जिलाध्यक्ष लाखन सिंह खांगर के साथ बाबू के खिलाफ कार्रवाई के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया।

भृष्टाचार अधिकारियों के वजह से सरकार की तमाम योजनाएं।फेल होती नजर आ रही है।जिसमें जालौन जिला सबसे अग्रणी है। जनप्रतिनिधि भी अधिकारियों के बेलगाम रवैये की वजह से शासन की संज्ञा शून्यता के कारण असहाय हो चुके हैं। जिसके नतीजे में पिछले दिनों जिला योजना की निर्धारित बैठक स्थगित होने से सरकार की भारी फजीहत हो चुकी है। फिर भी अधिकारी मनमानी दिखाने से बाज नही आ रहे हैं।

इसी के नतीजे में लोगों के सुर उग्र स्तर पर बगावती हो उठे हैं। भगवान दास अहिरवार ने कहा कि किसी भी एजेंसी से निष्पक्ष जांच करा ली जाये तो बाबू द्वारा लहरियापुरवा की कालोनी में आवंटन के लिए हर तलबगार से रुपये की डिमांड की जाने की सच्चाई उजागर हो सकती है। चूंकि जिले के अधिकारियों को भी इस भ्रष्टाचार में पूरा हिस्सा मिलता है इसलिये वे किसी पर कोई कार्रवाई करने की कोशिश नही करते।
उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने डूडा के भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन शुरू करके आर-पार की जंग छेड़ दी है। अगर अधिकारियों की अनुसुनी की वजह से आमरण अनशन के कारण उनके साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो जिले मे ंस्थिति विस्फोटक हो जायेगी। इसलिए उनके शूली पर चढ़ जाने का मजा लेने की बजाय अधिकारियों को चाहिए कि अपना ईमान ठीक करके समय रहते डूडा के बाबू अरुण कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ जांच करा लें।

Soni news के लिए जनपद जालौन से अमित कुमार