उरई (जालौन)। जनपद के आने वाले समय में किसानों को आवारा पशुओं की समस्याओं से जल्द ही छुटकारा मिल सकता है। इसके लिये प्रदेश सरकार ने अपनी पहल चालू कर दी है जिसके तहत जालौन जिले में पांच स्थानों पर 142.857 लाख की लागत से पशु आश्रय गृहों का निर्माण कराया जायेगा ताकि आवारा जानवरो को रोका जा सके/ इन आश्रय गृहों में रहने वाले पशुओं के लिये पानी की व्यवस्था होगी जिसके लिये एक-एक नलकूप, चरही, टीन शैड के साथ ही चारागाह विकसित किया जायेगा। पांचों पशु आश्रय गृहों का कार्य दिसंबर 2018 तक पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।

                -इस कल्याणकारी योजना से प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही मुहीम से जनपद के किसानों को आवारा पशुओं की समस्या से आने वाले समय में मुक्ति मिल जायेगी। इसके लिये पांच स्थानों पर पशु आश्रय गृहों के निर्माण के लिये कार्यदायी संस्था से टेण्डर भी आमंत्रित किये जा चुके हैं।जिनमें से जनपद के प्रमुख स्थानों पर पशु आश्रय गृहों का निर्माण कराया जाना है उनमें ग्राम सुरौली मुस्तकिल (कदौरा), ग्राम मुहाना (डकोर), भेंपता (कोंच), हीरापुर (जालौन) व कंझारी विकासखंड रामपुरा शामिल हैं।

                 बाइट- डा. आरपीएस गौर(जिला पशु चिकित्साधिकारी)- उक्त पांचों पशु आश्रय गृहों का निर्माण 30 लाख रुपये की लागत से कराया जाना है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त पशु आश्रय गृहों के निर्माण के लिये 85.71 लाख रुपये की धनराशि शासन द्वारा अवमुक्त की जा चुकी है।

              बाइट- भोला सिंह किसान (उमरी)- किसानों को आवारा पशुओं की समस्याओं से बहुत ही नुकसान उठाना पड़ता है जिसके चलते फसले बर्बाद हो जाती है जिससे हम किसानो को बहुत नुकसान होता है साथ ही रास्तो में झुण्ड लगा कर जानवरो के बैठने से राहगीरों को दुर्घटना से भी जूझना पड़ता है विगत कई सालो से बुंदेलखंड सूखे की मार को सह रहा है और उस पर ये आवारा जानवरो का भय अगर यही हाल रहा तो कुछ समय बाद किसान अपनी फसले नहीं बोएगा और खेती करना छोड़ देगा

रिपोर्ट- सुनीता सिंह जालौन
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