विगत छह माह से सफलतापूर्वक तरीके से संचालित बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक के जोनल कार्यालय, उरई में मई माह का पहला वितरण संपन्न हुआ। इस वितरण को कुँवर मानवेन्द्र सिंह, पूर्व सभापति, विधान परिषद्, उ०प्र० तथा डॉ० आदित्य कुमार, पूर्व प्राचार्य, डीवी कॉलेज, उरई के द्वारा संयुक्त रूप से संपन्न किया गया। विश्व के पहले अनाज बैंक के संस्थापक और चेयरमैन डॉ० राजीव श्रीवास्तव की प्रेरणा से डॉ० अमिता सिंह के निर्देशन में संचालित अनाज बैंक द्वारा नगर की असहाय, मजबूर महिलाओं को माह में दो बार अनाज वितरण किया जाता है। इस माह के पहले वितरण में लगभग साठ महिलाओं को इसका लाभ मिला। इस अवसर पर कुँवर मानवेन्द्र सिंह ने उपस्थित लाभार्थी महिलाओं को समझाया कि वे लोग अपने आपको कमजोर, असहाय महसूस न करें। अनाज बैंक के रूप में एक मंच उनके साथ है जो उनको अनाज के साथ-साथ स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी प्रयासरत है। जो भी महिलाएं किसी कार्य को करने में सक्षम हैं वे उसी को और अच्छी तरह से करने का प्रयास करें। आप सबमें अवश्य ही कोई न कोई प्रतिभा छिपी हुई है, बस वह परिस्थितियों के चलते सामने नहीं आ सकी है। बहुत सी महिलाएं सिलाई-कढ़ाई, अचार-पापड़ आदि बनाने का कार्य कुशलता से कर लेती हैं। अनाज बैंक का जोनल कार्यालय आपको इसमें मदद करेगा। इससे एक तो आपकी आय के दूसरे स्त्रोत तैयार होंगे तथा आप सबमें आत्मनिर्भरता आएगी।

डीवी कॉलेज, उरई के पूर्व प्राचार्य डॉ० आदित्य कुमार ने वितरण पश्चात् वहाँ उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अनाज बैंक द्वारा जिस तरह का कार्य बुन्देलखण्ड में आरम्भ किया गया है, वह अवश्य ही दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। अनाज वितरण के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की जो सोच यहाँ देखने को मिली है, उससे विश्वास है कि सक्षम महिलायें आत्मनिर्भर बनेंगी साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगी। बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक की बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह ने उपस्थित लाभार्थी महिलाओं को वहां संचालित होने वाले सिलाई प्रशिक्षण में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने को प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि यहाँ जल्द ही महिलाओं को प्रशिक्षित करके कपड़े के लिफाफे, झोले आदि बनवाकर बाजार में बिक्री हेतु भेजा जायेगा। इससे महिलाओं को आर्थिक मदद भी मिल सकेगी। इसके साथ-साथ उन्होंने लाभार्थी महिलाओं से अपील की कि जो महिलाएं सक्षम हैं वे कार्य करने को भी आगे आयें, जिससे आपके भीतर आत्मविश्वास पैदा हो सके। अनाज वितरण के द्वारा किसी को भूखा न सोने देने के साथ-साथ एक छोटा सा प्रयास ऐसी महिलाओं को एक मंच पर लाना भी इसका उद्देश्य है।


अनाज बैंक की स्वावलंबन सम्बन्धी योजना के अंतर्गत महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाने की व्यवस्था भी कार्यालय पर की गई है। यहाँ महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उनके बनाये गए वस्त्रों को बाजार तक भी पहुँचाया जायेगा। इससे इन महिलाओं में स्वावलंबन की भावना का विकास होगा। अनाज बैंक का उद्देश्य इन महिलाओं को सिर्फ अनाज देना भर नहीं है वरन उनको आत्मनिर्भर भी बनाना है। इस अवसर पर इंदु सक्सेना, धर्मेन्द्र कुमार, सुभाष चंद्रा, गणेश शंकर त्रिपाठी, सर्वेश सिंह, गिरिजा महिला बाल विकास संस्थान की संचालिका विनीता पाण्डेय, सन्देश ओर्गनाइजेशन से संजना श्रीवास्तव सहित उर्मिला, परवीन, रोशन बेगम, धनकुँवर, चमेली, बेटीबाई, नसरीन, रामकुंवर, पानकुंवर, बबीता आदि लाभार्थी महिलायें उपस्थित रहीं। मई माह का दूसरा अनाज वितरण 23 तारीख को प्रातः 10 बजे से किया जायेगा।