उरई
राजकीय मेडिकल कालेज, जालौन (उरई) के टी०बी० एवं चेस्ट रोग विभाग में एक महिला मरीज जो कि एम०डी०आर० (Multi Drug Resistant) टी०बी० से पीड़ित थी, को इस बीमारी से निजात हेतु नई दवा BPaIM (बेडाक्विलिन, प्रीटोमैनिड, लाइनजोलिड और मौक्सीफ्‌लोक्सासिन का काम्बों) देने की शुरुआत दी गई। इससे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टी०बी० के मरीजों की लंबे इलाज से छुटकारा मिलेगा। यह दवा भारत सरकार के माध्यम से चुनिंदा जिलों में ही उपलब्ध करवाई गयी है। जिसमें राजकीय मेडिकल कालेज, जालौन (उरई) को भी चिन्हित किया गया है।

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इस अवसर पर प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज डा० अरविन्द त्रिवेदी ने वार्ड में उपलब्ध लोगों को बताया कि टी०बी० का इलाज चिकित्सक की सलाह के अनुसार न किये जाने अथवा बीच में ही छोड़ देने के कारण ही टी०बी० के मरीज को एम०डी०आर० (Multi Drug Resistant) टी०बी० हो जाती है एवं उसका इलाज लम्बा चलता था तथा मरीज की जान को खतरा अथवा अन्य रोगों को फैलाने का खतरा भी रहता है। भारत सरकार के द्वारा इस नई दवा की उपलब्धता कराये जाने से एम०डी०आर० (Multi Drug Resistant) टी०बी० से पीड़ित मरीजों का उपचार में सफलता दर में बढोत्तरी होगी।

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