दस फरवरी से 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलेगा।

अभियान के दौरान डोर टू डोर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी।
जालौन। 
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. केडी गुप्ता ने बताया प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सर्वे के दौरान 9 से 21 फीसद स्वस्थ व्यक्तियों में भी फाइलेरिया के कीटाणु माइक्रो फाइलेरिया पाए गए हैं। ऐसे लोग फाइलेरिया से ग्रसित हो सकते हैं, जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है। इसके लक्षण 10 से 15 वर्ष बाद सामने आते हैं। फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से 27 फरवरी तक अभियान चलाया जा रहा है।

अभियान में प्रत्येक व्यक्ति को दवा खिलाई जानी है। फाइलेरिया की दवा खाने वाले व्यक्ति को फाइलेरिया से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी। अभियान के तहत 1 से 2 वर्ष के बच्चे को आधी गोली, 2 से 5 वर्ष के बच्चे को 1 गोली, 5 से 15 वर्ष के किशोर को 2 गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को 3 गोली का सेवन करना अनिवार्य है। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर दवा बांटेंगे। फाइलेरिया से जंग का यह अभियान दस फरवरी से 27 फरवरी तक पूरा होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नगर क्षेत्र में 9 सुपरवाइजर एवं 52 टीमें और ग्रामीण क्षेत्र में 15 सुपरवाइजर व 96 टीमें काम करेगी।