?? बड़ी ख़बर??

=CMS ने बंधक पत्रकार से लिखित में कहा नहीं करोगो मेडिकल का कवरेज
=कवरेज करने पर पत्रकार को CMS ने जान से मरने की दी धमकी
=पुलिस के आला अधिकारियो ने घटना पर साधी चुप्पी

=मेडिकल में पत्रकारों के कवरेज से हुयी थी डाक्टरों पर कार्यवाही
=मरीज के कटे पैर को तकिया बनाए जाने से योगी नाराज, मांगी गयी थी रिपोर्ट
=मेडिकल माफियो और मेडिकल प्रशाशन में खलबली

झाँसी:मेडिकल प्रशासन द्वारा पत्रकार को बंधक बनाए जाने जाने पर कवरेज को लेकर पत्रकारों में मोर्चा तन चुका है दरसल शनिवार को शाम लगभग 8 बजे के करीब डेली रूटीन के चलते SONI NEWS जिला संवाददाता पंकज भारती और उनके कैमरामैन अरुण वर्मा मेडिकल में समाचार तलाशने के लिए गए हुए थे और वह जाकर वो इमरजेंसी में कवरेज करने लगे, कवरेज करता देख मेडिकल प्रशाशन के हाथ पाव फूल गए और वहाँ मौजूद CMS हरीश आर्या ने जूनियर डाक्टरों और स्टाफ के साथ मिल कर पंकज भारती और उनके कैमरामैन अरुण वर्मा को पकड़ लिया उनके साथ लात घूसों से पिटाई की और गन्दी गन्दी गालिया दी साथ ही उनका मोबाईल छीन का कर कवरेज किया हुआ डाटा डिलीट कर दिया फिर उन दोनों को बंधक बना कर एक घण्टे बंद रखा जब ये सूचना लोगो में फैली तो ये खबर झाँसी में आग की तरह फ़ैल गयी और फिर वहाँ तमाम पत्रकारों की भीड़ लग गयी इस मौके पर वह मौजूद SONI NEWS के क्राइम रिपोर्टर रवि शाहू और ‘पत्रकार स्वम सहायता समूह’ के नीरज जैन,झाँसी मीड़िया क्लब के अध्यक्ष मुकेश वर्मा ने जब CMS हरीश आर्या से बात की तो वो बड़ी बत्तमीजी के साथ पेश आते हुए बोले की अगर कोई पत्रकार  यहाँ कवरेज करता हुआ नजर आया तो उसका यही हाल होगा और अगर नहीं माने तो जान से भी हाथ धोना पड़ेगा अगर इस पत्रकार को छुड़ाना चाहते हो तो लिख कर दो  कि आज के  बाद कोई पत्रकार यहाँ कवरेज करने नहीं आएगा , ये बात सुन कर सभी पत्रकार  सन्न रह गए और मौके की नजाकत देखते हुए बड़ी मुश्किल से पत्रकार साथीगण पंकज भारती और उनके कैमरामैन अरुण वर्मा को  वहाँ से  निकाल पाने में सफल हुए


—पुलिस ने भी पत्रकारों को रखा ठेंगे पर–
इस मामले की गंभीरता देखते हुए soni news के क्राइम रिपोर्टर रवि शाहू और ‘पत्रकार स्वम सहायता समूह’ के नीरज जैन,झाँसी मीड़िया क्लब के अध्यक्ष मुकेश वर्मा और वह मौजूद तमाम पत्रकार साथियो ने जब पुलिस में मुकदमा दर्ज करना चाहा तो सभी लोग थाना नबाबाद की रिपोर्टिग चौकी विश्वविद्यालय पहुंचे तो वहाँ भी पुलिस ने पत्रकारों को ठेगे पर रख दिया और कोई कार्यवाही नहीं की और उल्टा उन दोनों का मोबाईल भी जमा करा लिए गए ये देख वह मौजूद पत्रकार भड़क गए और रोड पर जाम लगा दिया जब जाम की सूचना चौकी इंचार्ज को मिली तो वो तुरंत है भागे भागे आये और फिर बड़ी मुशिकल से so उदय यादव ने भरोसा दिलाते हुए शिकायत पत्र ले कर कार्यवाही करने का भरोषा दिलाया

—उल्टा चोर कोतवाल को डाटे–
–चौथे स्थम्ब के खिलाफ मेडिकल प्रशासन जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर—
सूत्रों से समाचार मिला है पत्रकार साथी को मेडिकल प्रशासन द्वारा बंधक बनाए जाने की मामला को लेकर मेडिकल CMS का बयान आया है की पत्रकार लिखकर दें कि किसी भी मरीज की फोटो आगे से नहीं खींची जाएगी नहीं तो मेडिकल प्रशासन जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर बैठ जाएंगे

—–क्यों बौखलाए है डाक्टर और मेडिकल प्रशाशन के लोग ——
—-झांसी मेडिकल कॉलेज में मरीज के कटे पैर को बना दिया तकिया, हंगामा—-
दरसल मामला ये हैकि  अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता  है कि यहां के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज जहां पर एक मरीज का कटा पैर उसके सिरहाने पर तकिया के रूप में रखा गया है। इसके बाद जब कुछ तीमारदारों ने इस मंजर को देखा तो वहां पर हंगामा हो गया। जब तीमारदारों ने वहां देखा कि ऑपरेशन के बाद मरीज का पैर उसके सिरहाने पर तकिए के रूप में रखा है तो उन लोगों ने इस अमानवीयता का समाचार सोशल मीडिया और निजी चैनलों पर वायरल कर दिया गया । इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में कंसल्टेंट ऑन कॉल डॉ.प्रवीन सरावली को चार्जशीट जारी करने का आदेश दिया है, जबकि इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ.एमपी सिंह, सीनियर रेजीडेंट डॉ.आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया और ऐसी बात को लेकर पत्रकार को बंधक बनने वाली घटना ने जन्म ले लिए ताकि फिर किसी पत्रकार की हिम्मत हो पाए कि वो मेडिकल में कवरेज करे ।


—-CM योगी भी है इस घटना से नाराज —
झांसी मेडिकल कालेज में युवक के कटे हुए पैर को उसके सिर के नीचे तकिया की तरह रखे जाने के शर्मनाक प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने डाक्टरों और नर्सों की लापरवाही की इस घटना पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से इस घटना के संदर्भ में की गई कार्रवाई की विस्तृत आख्या सोमवार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए अपनी संवेदना जाहिर की है और पीडि़त युवक को दो लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह सहायता मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दी जाएगी।

मीड़िया पर वार,चुप क्यों है सरकार