2 अप्रैल भारत बंद अहवाह्न पर

उरई-जालौन : SC/ST एक्ट में हुए बदलाव व सरकार की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ़ 2 अप्रैल भारत बंद के आह्वाहन पर जालौन जिला मुख्यालय उरई में विशाल पैदल मार्च किया अवध कॉम्प्लेक्स झाँसी रोड उरई से माहिल तालाब बाजार होते हुए कलेक्ट्रेड तक पैदल विरोध मार्च किया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेड महोदय को सौंपा !

जिला मुख्यालय पर एकत्रित विभिन्न दलित सामाजिक संगठनों- बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, भीम सेना, अम्बेडकर महासभा, SC/ST अत्याचार निवारण एवं सशक्तिकरण केंद्र,मिशन सुरक्षा परिषद,शहरी जन उत्थान समिति,डॉ.अम्बेडकर युवा समाज सुधार समिति,प्रतावित मान्यवर कांशीराम कमेटी,आल अरक्षित टीचर्स बेलफेयर एसोसियेशन, संयुक्त बहुजन संघर्ष मोर्चा सहित सैकड़ों दलित बहुजन सामाजिक संगठनों व प्रमुख राजनैतिक पार्टी के लोगों ने एक साथ आकर इस भारत बंद में एक साथ विशाल पैदल मार्च किया, इस अवसर पर बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक- कुलदीप कुमार बौद्ध ने बताया की आज पूरे भारत में दलितों के ऊपर आये दिन अत्याचार बढ़ते जा रहे हे, जाति के आधार पर सदियों से किये जा रहे अत्याचार व उत्पीडन की रोकथाम के लिए – अनुसूचित जाति,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 व संशोधन अधिनियम 2015 इस देश में लागू था जिसे सरकार की उदासीनता के चलते 20 मार्च 2018 को माननीय सुप्रीमकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ न्यायमूर्ति मा. ए.के. गोयल एवं न्यायमूर्ति मा. यू यू ललित दुवारा एस.सी/एस.टी एक्ट 1989 को संसोधित करके पीड़ित ब्यक्ति की तत्काल रिपोर्ट दर्ज न करने , अपराधी को अग्रिम जमानत का लाभ देने और अपराधी की गिरफ्तारी बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अनुमति से करने आदि के आदेश पारित किये, जो की दलित विरोधी नीतियों का परिणाम है ! जिसका ब्यापक असर दलित समुदाय पर पढ़ा है, जो की दलितों के साथ बहुत बढ़ा कुठाराघात किया गया है, इससे पूरे देश में दलित समुदाय उद्देलित है, अगर इसको जल्द बापस न लिया गया तो आगे ब्यापक आन्दोलन होगा ! बहुजन संघर्ष मोर्चा के संयोजक- प्रदीप गौतम, टी.आर.मोर्या ने कहा मी मानव संसाधन विकास मंत्रालय 20 मार्च 2018 को ही घोषणा की गई जिसमे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग दुवारा 5 केन्द्रीय विश्विद्यालय,21 राज्य विश्वविद्यालय,24 डीम्ड विश्वविद्यालय और दो निजी विश्व विद्यालयों को स्वायत्ता प्रदान की गई जिसकी बजह से सामाजिक न्याय की अवधारणा प्रतिबाधित होकर अन्याय अत्याचार एवं धन उगाही के स्थल बन जायेंगे जिसकी बजह से दलित आदिवासी पिछड़ा अल्पसंख्यक एवं गरीब तबके का ब्यक्ति हासिये पर चले जायेंगे, इस निर्णय को केंद्र सरकार जल्द वापस ले

सुन्दर सिंह शाश्त्री, मिस्टर सिंह, केके शिरोमणि, प्रमोद गौतम मनोज चौधरी , रिहाना मंसूरी, अनीता राज, राजेश गौतम, मनीषा आनंद ने कहा की वर्तमान समय में पूरे देश के अन्दर बहुजन महापुरषों की मूर्तियाँ आराजक तत्वों दुवारा तोड़ी जा रही है, शासन प्रसाशन दुवारा ढुलमुल रवैये की बजह से अराजक तत्वों के होसले बुलंद है जिसकी बजह से बहुसंख्यक समाज में रोष के साथ भावनाएं आहात हो रही है, सरकार इस पर जल्द रोक लगाये !

विभिन्न राजनैतिक दलों- बहुजन समाज पार्टी जिलाध्यक्ष-हीरालाल,पूर्व मंत्री चैनसुख भारती,इंजी. शैलेन्द्र शिरोमणि,घनश्याम अनुरागी,कांग्रेस के जिलाध्य-श्यामसुंदर चौधरी,रिहान सिद्धकी,राजन ब्रजलाल खाबरी, सहित समाजबादी पार्टी व बिभिन्न राजनैतिक दलों के लीडरों ने इस मार्च में समर्थन व साथ देते हुए सरकार की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ़ एक साथ मिलकर लडने का अहवाह्न किया !

इस अवसर पर रिहाना मंसूरी,विजयचौधरी,मूलशरण कुशवाहा,ब्रजेश जाटव,जगजीवन,आत्माराम फौजी, संजय गौतम,कैलाश राजपुत, पंकज सहाय, अरविन्द्र पहरिया, सचिन पलारा, जितेन्द्र,अंजू चौधरी,राजेन्द्र सिंह रामौतार गौतम, रामकुमार गौतम, रमाकांत शंखवार, रविन्द्र,सिपिन्न राज, अमित राज, राहुल जखा, अतुल, भूपेन्द्र, आरपी.सिदार्थ,संतोष,विवेकानंद,प्रभुदयाल,मलखान चौधरी,राहुल गौतम,अजय,प्रेमकुमार, देबेन्द्र्कुमार,बीरेंद्रे बौद्ध सहित पूरे जिले के बिभिन्न गावं के हजारों की तादात में लोग मौजूद रहे !