👉गौशाला के नाम पर मात्र एक दिखावा

👉शिकायत करने पर गांव वालों को मिलती हैं गालियां

✍जालौन( कुठौंद) –
जहां हमारी योगी और मोदी सरकार गायों को संरक्षित करने के लिए गौशालाओं आदि को बनवाने के लिए एवं उनमें सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है परंतु वहीं दूसरी तरफ ग्राम कैथवा की गौशाला इसके विपरीत दिखाई दे रही है|
पूरा मामला जनपद जालौन के कुठौंद ब्लाक के ग्राम कैथवा का है जहां पर गांव वालों का कहना है कि गौशाला के नाम पर केवल और केवल दिखावा किया जा रहा है और गौशाला में रह रहे जानवरों के लिए शासन प्रशासन की तरफ से जो भी खानपान की व्यवस्था की जाती है या व्यवस्था के नाम पर जो भी पैसा आता है वह आंशिक रूप से गौशाला पर खर्च किया जाता है तथा शेष पैसा ग्राम प्रधान नीरज व पंचायत मित्र विनोद प्रजापति अपने खर्च पर उपयोग करते हैं जिससे गौशाला मैं रह रहे जानवर भूख और प्यास से तड़प तड़प कर अपनी जान दे रहे हैं यहां तक कि खाने की व्यवस्था तो दूर पीने का जो पानी भरा हुआ है जोकि कभी खाली नहीं किया जाता जिससे पानी जानवरों के पीने योग्य नहीं रहता है और गौशाला में जानवरों की देखरेख के लिए कोई भी व्यक्ति गौशाला पर नहीं रहते हैं केवल गायों पर टैग लगा कर संख्या दिखाने का काम किया जा रहा है और गांव वालों का यह भी कहना है कि यदि हम लोग ग्राम प्रधान नीरज के पास जाते हैं तो वह हम गांव वालों को गाली गलौज देता है और कहता है कि हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है हम सब को मैनेज कर लेंगे|

👉बड़ी बात तो यह है की ग्राम प्रधान इन निर्दोष जानवरों पर अत्याचार करने के बाद सीना तान कर कहने में सक्षम है की उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता मैं सब मैनेज कर लूंगा आखिरकार ऐसे कार्य करने वालों के ऊपर किन आलाधिकारियों की हे सरपरस्ती? ???????

👉अब देखने हैं की इन बेजुबान जानवरों की यही हालत रहती है या फिर इसमें कोई सुधार होता है

रिपोर्ट -रंजीत सिंह के साथ सुनीता सिंह
🌍सोनी न्यूज़🌍