अतरौलिया बाजार: संतों और भक्त जनों ने इसे तपोभूमि स्थान का नाम दिया है तपोभूमि इसी इसलिए मानते हैं कि यहां पर संतों का तप करते-करते जीवन व्यतीत हो जाता था यहां पर अब तक कुल 15 पीढ़ी संतों के बीत चुकी है हमारे संवाददाता विशेष त्रिपाठी की बात यहां के 15 में संत बाबा श्री राम दिलीप दास जी से हुई उन्होंने बताया कि यहां पर 15 वी पीढ़ी चल रही है जो कि इस प्रकार है

1 संत श्री अवधेश दास गुरुद्वारा रामबाग नंबर दो संत श्री रघुवर दास जी नंबर 3 संत श्री धीरज दास जी नंबर 4 संत श्री रघुनाथ दास जी नंबर पांच संत शत्रुघ्न दास जी नंबर 6 संत श्री राजाराम दास जी नंबर 7 संत श्री माधव दास जी नंबर 8 संत श्री गुरु चरण दास जी नंबर 9 संत श्री राम दास जी इनको लोग टूटा बाबा के नाम से भी जानते थे नंबर 10 संत श्री सुखराम दास जी नंबर 11 संत श्री सती रामदास जी नंबर 12 संत श्री हनुमान दास जी नंबर 13 संत श्री जगतगुरु दास जी 14 संत श्री श्रीकांत दास जी जोकि इस समय कार्यभार देख रहे हैं नंबर 15 संत श्री दिलीप दास जी महाराज यहां पर 15 वें संत बाबा राम दिलीप दास जी ने यह बताया कि यहां पर यह शिवलिंग ना जाने कितना पुराना है जिसके विषय में कुछ कहना संभव नहीं है संत और भक्तजनों का मानना है कि यह शिवलिंग पृथ्वी के अंदर से स्वयं ही निकला है यह शिवलिंग जितना पुराना है उतना ही पुराना यहां पर स्थित एक बरगद का पेड़ भी है वह बरगद का पेड़ आज भी हरा-भरा और सुंदर बहुत विशाल है यही बगल में ही एक बड़ा सरोवर है उस सरोवर में पहले बहुत प्रकार के पक्षियों एक साथ आते थे और साथ में ही स्नान करते थे और कुछ समय रुकते थे इसके बाद वे चले जाते थे जब पक्षी आया करते थे तो उनके आने पर ऐसी आवाज आती थी जैसे कि संगीत बज रही है इतना सुंदर आवाज शायद किसी संगीत विद्यालय में ही सुनने को मिलता था यह बात यही के 15वें संत बाबा दिलीप दास जी ने है बताया यहां पर भक्तों ने अपने मन की इच्छा पूर्ति के लिए मन्नत भी मानते हैं और शिवरात्रि सावन जैसे महापर्व पर भक्तों का ताता लगातार लगा रहता है यहां पर भक्तों को कोई तकलीफ ना होने पाए इसके लिए थाना अतरौलिया अपना उचित समय अपनी टीम के साथ देता है

न्यूज़ रिपोर्टर विशेष त्रिपाठी संवाददाता आजमगढ़
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