21 से 25 फरबरी तक चलेगा ख्वाजा सूफी मजीदउल हसन शाह का उर्स

मुम्बई-किस तरह छोड़ दूॅ ऐ यार मै चाहत तेरी, मेरे ईमान का हासिल है मोहब्बत तेरी। मानवता के लिए कार्य करने वाले लोगो को शान्ति और सद्भावना का सन्देश देने वाले मानवता शान्ति और सद्भावना की मिशाल और प्रतीक हजरत ख्वाजा सूफी मजीदउल हसन शाह हसनी रहमतुल्लाह अलैह का सातवां साला उर्स (वार्षिक गुरू उत्सव) आज 21 फरवरी से शुरू हो गया।

21 फरवरी से 25 फरवरी 5 दिन चलने वाले इस उर्स की शुरूआत आज सुबह बाद नमाजे फजर कुरआनख्वानी से हुई। बाद मगरिब मीलाद शरीफ व बाद इशा मुशायरे का आयोजन किया जायेगा। 23 फरवरी को कुल शरीफ का आयोजन बाद फजर और बाद नमाजे असर व बाद नामजे इशा आम चादर पोशी का आयोजन किया जायेगा। 25 फरवरी को सुबह 10 बजे से संदल का आयोजन किया जायेगा जिसमे संदल के बाद गुस्ल, कुल, रंगे महफिल और लंगर (प्रसाद) का वितरण किया जायेगा। 25 फरवरी को सुबह 10 बजे से शुरू हाने वाला कार्यक्रम उर्स का अन्तिम कार्यक्रम होगा।

उर्स मे शामिल होने के लिए देश दुनिया से सूफी संन्तो जायरीनो व अकीदतमन्दो का जमावड़ा ख्वाजा सूफी मजीदुल हसन शाह हसनी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पे लगना शुरू हो गया है। दरगाह व कार्यक्रम की देखरेख कर रहे तरिकुल हसन मजीदी ने हमे बताया की मुम्बई के अन्टाप हिल वडाला मे अजीमो शान तरीके से मनाये जाने वाले इस उर्स का आयोजन उनके बेटे व दरगाह के सज्जादे ख्वाजा सूफी फैजुल हसन शाह मजीदी कादरी, चिस्ती, अबुल ओलाई, की जेरे सरपरस्ती में किया जा रहा है। उर्स मे महफिले शमा (कव्वाली) का भी आयोजन है जिसमे नामी कव्वाल हजरत की शान में सूफियाना कलाम पेश करेंगे।