जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश द्वारा राजनैतिक जुलूस, धरना, प्रदर्शन आदि के दौरान प्रदर्शनकारियों के उपद्रवी होने के कारण सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्ति को क्षति पहुचाने की स्थिति में क्षति के मूल्यांकन एवं क्षतिपूर्ति की उपयुक्त व्यवस्था हेतु निमन्वत दिशा निर्देश दिए गए –

1- जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि 7 दिनों में सम्बन्धित विभाग जिनकी सम्पत्ति क्षतिग्रस्त हुई है, क्षति का अंकन कर दावा प्रस्तुत करेंगे तथा निजी सम्पत्ति की क्षति हेतु सम्पत्ति स्वामी भी दावा कर सकेंगे।

2- 30 दिन में सक्षम प्राधिकारी क्षति हेतु जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध रिकवरी आदेश, सुनावाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान करते हुए जारी करेंगे।

3- जिम्मेदार व्यक्ति-राजनैतिक पार्टी द्वारा आयोजित प्रदर्शन में अथवा अन्य पहचाने जा सकने वाले समूह/व्यक्ति के आवाह्न पर आयोजित प्रदर्शन में सम्बन्धित पार्टी/संगठन के प्रमुख के नाम से एस0एच0ओ0 के द्वारा कार्यवाही की जाएगी।

4- जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि अपर नगर मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारीयों को सक्षम अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।

5- जिलाधिकारी द्वारा समय सीमा को भी तय किया गया है। ) 7 दिनों में विभागों द्वारा दावा प्रस्तुत करना।
) 7 दिन में एस0एच0ओ0/सी0ओ0/ए0पी0 के द्वारा जिम्मेदार लोगों को चिन्हित करना।
) सम्बन्धित अपर नगर मैजिस्ट्रेटों द्वारा निस्तारण सुनिश्चित करना।

6- समय अन्र्तगत निस्तारण/रिपार्ट/दावों प्रस्तुत न करने को उत्तरदायित्व का उल्लंघन माना जाएगा, जो अनुशासनात्मक/विभागीय कार्यवाही का पर्याप्त आधार माना जाएगा।

7- निजी संपत्ति की हानि के लिए संपत्ति स्वामी द्वारा तथा सार्वजनिक संपत्ति की क्षति पर विभाग द्वारा दावा न प्रस्तुत करने पर किसी भी व्यक्ति द्वारा भी सूचना दी जा सकती है।

8- सार्वजनिक संपत्ति क्षति का दावा न प्रस्तुत करने पर विभागीय अधिकारी और क्षति जिस आंदोलन/प्रदर्शन में हुई है उसका आवाहन करने वाले राजनैतिक दल/समूह/व्यक्ति को उत्तरदाई चिन्हित करने वाली रिपोर्ट न देने पर संबंधित थानाध्यक्ष/सीओ/एसपी को राजकीय दायित्व में शिथिलता का दोषी माना जाएगा और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।