– तेज हवाओं से रहें सुरक्षित, आंखे और अन्य अंगो को बूलन से ढक कर रखें
– प्रोटीन देने वाली चीजों का सेवन करें
उरई। गलन पैदा करने वाली ठंड से लोग बचाव करें और यह भी प्रयास करें कि तेज हवायें जब चलें तो अपनी आंख, नाक, कान एवं शरीर के अन्य अंग बूलन से ढक कर चले ताकि आपके शरीर का जो तापमान है वों मेन्टेन बना रहें और बाहर न निकल पायें अन्यथा की स्थिति में आप किसी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते है। उक्त पूर्व जिला चिकित्साधिकारी एवं वरिष्ठ ह्रदय विशेषज्ञ डा.आरपी तिवारी ने एक भेंट वार्ता के दौरान बताई।


उन्होने कहा कि जो शरीर का तापमान है उसको ऐसी ठंडक में सुरक्षित रखने की जरूरत है क्योंकि बाहर निकलते हीं जो बाहर का तापमान है अगर वह तापमान से शारीरिक तापमान का मिलान हो जाता है तो जो शरीर में तापमान है उसमें गिरावट आती है इसलिए व्यक्ति को सबसे पहले यह काम करना चाहिए कि अपने शरीर का तापमान बाहर न निकलने दें इसके लिए गर्म कपड़ो का इस्तेमाल करें साथ हीं अगर कहीं जा रहें है तो आंख, कान, नाक को बांधकर चलें जिससे शारीरिक जो तापमान का मेन्टेन है वो बाहर न निकल सके। इन्हीं अंगो से शरीर का तापमान बाहर निकलता है और इसके बाहर निकलते ही लोगो का शरीर सुस्त पड़ जाता है। हाथ पैर की उंगलिया अकडने लगती है और इसका इलाज संभव नहीं है। लोग टोपी, दस्ताने या फिर ऊनी कपडे पहनते है यह सब इसलिए पहने जाते है कि शरीर का तापमान है वों ऊनी कपड़े बाहर न निकलने दें। उन्होने यह भी कहा कि नहाने के उपरांत व्यक्ति को अपने शरीर पर तेल अवश्य लगाना चाहिए इससे भी शरीर का तापमान सुरक्षित रहता है। वहीं कमरें में अगर हीटर, अंगीठी आदि का इस्तेमाल कर रहें है तो कमरे में थोड़ी बहुत हवा अवश्य आना चाहिए कमरा एकदम से बंद कर कभी भी इन चीजों का इस्तेमाल न करें अन्यथा की स्थिति में इनसे निकलने वाली कार्बनडाईक्साइड से शरीर के प्राण भी जा सकतें है इसलिए लोगो को ठंड में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होने कहा कि ठंड के सीजन में जो कैलोरी शरीर के अंदर होती है वों ज्यादा नष्ट होती है इसलिए प्रोटीन देने वाली दाल, मूंगफली, देशी घी, गुड़, तिली या जो अन्य चीजें प्रोटीन की है उन्हें इस्तेमाल करें जिससे उसको शरीर में ऊर्जा मिलती रहीं। उन्होने यह भी कहा कि सरसो का तेल जो आम आदमी के घर में आसानी से उपलब्ध होता है और वों इस्तेमाल कर अपनी जान को सुरक्षित रखें। वरिष्ठ डा. आरपी तिवारी ने यह भी बताया कि ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, पैरालीसिस आदि से बचने के लिए व्यक्ति को अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन, गर्म पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए। घरेलू महिलायें भी ठंड व पानी में न रहें ताकि उनके हाथ, पैर और उंगलियों में जो सूजन आती है, बची रहें। उन्होने यह भी बताया कि जब तापमान शरीर का मेन्टेन रहेंगा तो हाथ पैर में खून का संचार भी बना रहेंगा। मुख्य रक्त नलिकायें सिकुडेंगीं नहीं और आक्सीजन की आपूर्ति भी नहीं होगी इसलिए लोग इन बातों को ध्यान में रखें तो निश्चित रूप से वों ऐसी भीषण ठंड में भी अपने को सुरक्षित महसूस कर सकते है।
वार्ता में जानकारी देते वरिष्ठ डाक्टर ह्रदय रोग विशेषज्ञ आरपी तिवारी।