आगरा में 17 मार्च 2020, मंगलवार की सुबह है।दुनिया के कोने कोने से शहंशाह शाहजहां और बेगम मुमताज महल की अजीम मुहब्‍बत की सदियों से दास्‍तां बयां करती आ रही सफेद संगमरमरी इमारत ताजमहल को देखने की ललक लिए लोग आज भी आए हैं। सूर्योदय के साथ खुलने वाले इस स्‍मारक पर ताला लटका देख हताश हैं।इधर उधर जानकारी की तो पता चला ये ताला अब 15 दिन बाद खुलेगा। ये सुन मायूसी और बढ़ गई। इनमें कुछ विदेशी भी थे और कुछ देश के ही दूसरे प्रांतों से आए लोग। जो अखबार, टीवी की खबरों से बेखबर थे। इतना रुपया खर्च कर और महीनों पहले से प्रोग्राम बनाकर आगरा पहुंचे ये लोग ताजमहल के दरवाजे से जब बिना दीदार किए वापस लौटे तो मलाल के अलावा कोई और भाव नहीं था। ताज देखना तो है पर अब दूर से ही सही,इस सोच के साथ कुछ दशहरा घाट तो कुछ यमुना किनारा रोड से ही तस्‍वीरें खींचकर अपनी हसरत पूरी कर रहे हैं।

ताजमहल,आगरा किला, फतेहपुर सीकरी,मेहताब बाग, एत्‍माद्दौला पर मंगलवार को सन्‍नाटा पसरा हुआ है। हर जगह ताले और बैरियर पर पुलिस बैठी है। दरअसल सोमवार को ही केंद्र सरकार ने देश के सभी स्‍मारकों को कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 31 मार्च तक के लिए बंद किए जाने के आदेश कर दिए थे। जो पर्यटक सफर में थे और सोमवार रात या मंगलवार सुबह आगरा पहुंचे, उन्‍हें इस आदेश की जानकारी नहीं थी। सुबह 6:30 बजे के आसपास वे ताजमहल पर पहुंच गए। ताजमहल के प्रवेश द्वार पर लगे ताले और पसरे पड़े सन्‍नाटे को देख अचरज में थे। सुरक्षाकर्मियों ने बंद होने की जानकारी दी। इसके बाद स्‍थानीय लोगों से जानकारी कर पर्यटकों ने उन जगहों काेे तलाशा, जहां से दूर से ही सही पर ताजमहल दिखता है। इसके चलते दशहरा घाट, यमुना किनारा, पूर्वी गेट पहुंचकर फोटो कराए। अब चूंकि ये खबर फैल चुकी है इसलिए बुधवार से पर्यटकों की संख्‍या लगभग शून्‍य ही हो जाएगी। इसका बड़ा असर आगरा के पर्यटन कारोबार पर ही आना है। गाइड, हॉकर्स, एम्‍पोरियम्‍स, होटल्‍स, रेस्‍तरां, ऑटो-टैक्‍सी चालक तक 15 दिन तक बुरी तरह प्रभावित होंगे।

इससे पहले 1971 में हुआ 15 दिन को ताज बंद
आप सोच रहे होंगे कि इस खबर की शुरुआत तारीख से क्‍यों।वो इसलिए कि ताजमहल के इतिहास के साथ आज की तारीख भी दर्ज होगी।वर्ष 1632 से 1648 के बीच बनकर तैयार हुए ताजमहल के 372 साल पुराने इतिहास में यह दूसरी मर्तबा है कि जब ताज को 15 दिन के लिए बंद किया गया हो। इससे पहले सन 1971 में भारत-पाक के बीच हुई लड़ाई के दौरान ताजमहल को 15 दिन के लिए बंद किया गया था। इस दौरान हवाई हमले से आगरा को बचाने के लिए ताजमहल को काले कपड़े से ढका भी गया था। हां, सन 1978 में यमुना नदी में बाढ़ आने पर भी ताजमहल को बंद किया गया था लेकिन उस समय यह सात दिन के लिए ही बंद हुआ था।
लंबे समय तक रहेगा पर्यटन कारोबार पर असर
आगरा के पर्यटन कारोबार पर कोरोना वायरस और ताजमहल के बंद रहने का असर लंबे समय तक रहेगा। मार्च में टूरिस्‍ट सीजन खत्‍म हो जाता है। गर्मी बढ़ने के साथ ही विदेशी पर्यटक न के बराबर रह जाते हैं। मई और जून की छुट्टियों में दक्षिण भारतीय राज्‍यों के लोग ही ताजमहल पर ज्‍यादा नजर आते हैं। दूसरी तरफ कोरोना का असर दुनियाभर में है। विश्‍वभर में कोरोना के चलते संकट के बादल हैं। जब लोग इस संकट से उबरेंगे, उसके बाद कहीं जाकर घूमने-फिरने के प्रोग्राम बनाएंगे। इसमें कितना समय लगेगा, यह अभी साफ नहीं। जाहिर है कि ताजमहल व देश के अन्‍य स्‍मारकों पर आने वाले विदेशी सैलानियों के जरिए बड़ी मात्रा में देश को विदेशी मुद्रा की भी प्राप्ति होती है।

सूनी हैं ताजगंज की गलियां

ताजमहल के आसपास बसे इलाके ताजगंज इलाके की गलियां भी आज सूनी सूनी हैं। कोई खास चहल-पहल नहीं। चाय की दुकानें पर स्‍थानीय लोग ही बतिया रहे हैं। नाश्‍ते की दुकानें भी खाली पड़ी हैं। गाइड और हॉकर्स, जो सुबह से ही रोजी-रोटी की तलाश में घर से निकल आते थे,उनमें भी चर्चाएं चल रही हैं। परिवार चलाने की चिंता भी है मन में और कोरोना से बचाव को लेकर इस कदम को सही मानने की मूक सहमति भी। इसी उधेड़बुन में यह सोचा जा रहा है कि आने वाले 15 दिन तक वे क्‍या करेंगे।

रिपोर्ट-अमित कुमार जनपद जालौन।