कोरोना के संक्रमण को लेकर जहां पूरे देश में खौफ है तो वहीं इस संक्रमण से बचने के लिए कई संस्थानों ने सेनेटाइजर बनाना शुरु कर दिया है। हाल ही में कानपुर की हरबर्ट कोर्ट बटलर यूनिवर्सिटी ने सेनेटाइजर बनाने की नई तकनीक को इजाद किया था जिससे लोग अपने घर बैठे सेनेटाइजर बना सकते हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गृह जनपद के 12वीं में पढ़ने वाले अविष्कारक छात्र ने फिर अपनी प्रतिभा दिखाते हुए सेनेटाइजर डिवाइस तैयार कर डाली। इस डिवाइस से लोगों को हाथ सेनेटाइज करने में आलस्य नहीं लगेगा और हाथ में पहने डिवाइस से दिन में समय-समय पर हाथों को सेनेटाइज किया जा सकेगा।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रमुखता से सेनेटाइजर, मास्क व हैंड ग्लब्स पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस दौरान कानपुर देहात के पुखरायां निवासी व नोएडा में पढ़ने वाले इंटरमीडिएट के छात्र पार्थ बंसल ने एक सेनेटाइजर डिवाइस तैयार की है। इसकी खासियत यह है कि यह ब्रेसलेट की तरह बनाई गई है, जिसे आसानी से आप हांथ की कलाई में पहन सकते हो। इसमें एक पतली सी प्लास्टिक की नली को घुमाकर उसमे सेनेटाइजर भर दिया जाता है, इसके एक सिरे को लॉक कर दिया गया है और दूसरे सिरे पर एक स्प्रे लगा दिया जाता है। इसके बाद इस ब्रेसलेटनुमा डिवाइस को कलाई में पहन लिया जाता है। इस दौरान बिना कहीं जाए बैठे बिठाए स्प्रे दबाकर हांथो को सेनेटाइज कर सकते हैं।

दरअसल वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बार सेनेटाइज करना होता है। इसके लिए ये डिवाइस बहुत ही जरुरतमंद है। कई लोग आलस्य में बार बार न उठने के चलते हांथ को नहीं धुलते हैं और ना ही सेनेटाइज करते हैं। ऐसे लोग इसका लाभ ले सकते हैं। खासतौर पर यह दिव्यांग व्यक्ति के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगी। आपको बता दें कि पार्थ बंसल ने 4 वर्ष पूर्व जब 9 वीं के छात्र थे। छात्र की दादी पार्किसंस की मरीज है। ऐसी मरीजों को चलने फिरने में कठिनाई होती थी। स्वास्थ सेवा में कार्यरत एवं समाजसेवी पार्थ के पिता संदीप बंसल ने बताया कि पार्थ बचपन से ही कलपुर्जों से खेलता था। दादी की इस परेशानी को देख उसने लेकर स्टिक का निर्माण किया।