घाटमपुर थाना क्षेत्र के एक किसान के सामने उस समय मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा, जब उसके घर में आग लग गयी। आग लगने से इकलौते बेटे की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि एक बेटी की मौत अस्पताल पहुंचने पर हुई और दो बेटियां गंभीर रुप से झुलस गयीं। दोनों बेटियों का इलाज हैलट अस्पताल में चल रहा है। जिस समय घर में आग लगी उस समय यही चारों बच्चे घर में थे और माता पिता खेत पर गेंहू की फसल काट रहे थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेते हुए गंभीर रुप से घायल बच्चियों को हैलट अस्पताल पहुंचाया।
घाटमपुर थानाक्षेत्र के गोपालपुर निवासी संतराम किसान हैं और रोजाना की भांति वह पत्नी के साथ रविवार को भी गेंहू की फसल काटने खेत गये थे। घर में उनके चारों बच्चे थे। घर का एक भाग घास की झोपड़ी से बना था और बच्चे में उसी में खेल रहे थे। इसी दौरान झोपड़ी में आग लग गयी और चारों बच्चे उसमें फंस गये। आग की लपटें और बच्चों के रोने की आवाज सुन पड़ोसियों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस के आने से पहले झोपड़ी पूरी तरह से जलकर खाक हो गयी थी और किसान का एकलौता चिराग चार वर्षीय बेटा गोपाल दुनिया से अलविदा हो गया था। वहीं दो वर्षीय बच्ची अनीता और छह वर्षीय जुडवां बहनें सीता और गीता गंभीर रुप से झुलस गयी। पुलिस ने आनन-फानन में तीनों को इलाज के लिए हैलट अस्पताल भेजा। अस्पताल में पहुंचते ही अनीता को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और गंभीर रुप से झुलसी सीता और गीता को भर्ती करते हुए इलाज शुरु कर दिया। माता पिता का रो-रोकर बेहाल हैं और उनके मुंह से एक ही शब्द निकल रहा है कि अब किसके लिए फसल काटे, हमारा तो चिराग ही बुझ गया।
थाना प्रभारी ज्ञान सिंह ने बताया कि आग किन कारणों से लगी अभी इसकी जानकारी नहीं हो पायी। बच्चियों के सही होने पर उनका बयान लिया जाएगा। इसके साथ ही अगर किसान की ओर से तहरीर मिलती है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं ग्रामीणों ने अंदेशा जताया कि हो सकता है कि बच्चियां भूखी रही हो और खाना बनाने का प्रयास किये हों। बताया जा रहा है किसान पत्नी के साथ भोर पहर ही खेत चला गया था।