उरई(जालौन)।जालौन जिले के उरई मुख्यालय में 2004 के बाद नियुक्त हुए 150 विभागों से आए हजारों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार करते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एकत्रित हुए कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

पुरानी पेंशन बहाली मंच ने प्रांतीय आह्वाहन पर उरई के टाउन हाल में मंच के अध्यक्ष महेंद्र सिंह भाटिया और हरीश कुमार राठौर की संयुक्त अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार करते हुए हजारों सरकारी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रर्दशन किया।
: हरीश कुमार राठौर ने कहा कि शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृति के बाद पेंशन ही जीवन-यापन का एकमात्र सहारा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, जहां एक तरफ आम कर्मचारियों को सरकार ने कोई पेंशन देने का प्रावधान नहीं रखा वहीं सांसदों और विधायकों को एक बार शपथ लेने के बाद पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू हो जाती है। अगर नो पेंशन योजना इतनी ही अच्छी है तो, सांसदों और विधयाकों पर क्यों नहीं लागू कर दी जाती।

इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए लोकतंत्र में दोहरी व्यवस्था पर कर्मचारी समाज नाखुश है। यदि सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली पर ठोस निर्णय नहीं लिया, तो लगातार कार्य का बहिष्कार कर लखनऊ में विशाल महारैली का आयोजन किया जायेगा, और सरकार ने बात नहीं मानी तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव 2019 में देखने को मिलेगा।

soni news के लिए जनपद जालौन से अमित कुमार के साथ रंजीत सिंह